*इंदौर:-बाबा*
राज्य स्तर पर शासकीय लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ के आव्हान पर अपनी 30 सूत्रीय मांगों को लेकर इंदौर में सरकारी कर्मचारी बेमुदद हडताल पर है और वे कलेक्टर कार्यालय के सामने ही धरने पर बैठे है। इधर कलेक्टर कार्यालय के अधीन तहसील कार्यालय और आरटीओ कार्यालय में बाबूओं की हड़ताल के चलते एवजियों के भरोसे चल रहे है।
शासकीय कार्यालयों में लिपिक वर्ग 23 जुलाई से कामबंद हडताल पर है और सरकारी कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इधर अधिकारी कार्यालय में अकेले बैठे बाबू का काम करते नजर आते है। प्रशासनिक कार्यालय में एसडीएम ओर एडीएम तो अपने स्तर पर उन कर्मचारियों से काम ले रहे हेै जिनकी भर्ती होने के बाद अभी 2 साल पूरा नहीं हुआ है। जो कर्मचारी 2 साल से ज्यादा पुराने है वे तो हड़ताल पर चले गए है ऐसे में तहसील कार्यालय में कामकाज करना भी मुश्किल है । तहसील कार्यालय में तो अधिकारियों ने लिपिक वर्ग के नहीं होने पर उनके साथ काम करने वाले एवजियों का सहारा लिया है। तहसील कार्यालय का काम अब अशासकीय कर्मचारी यानि एजेन्ट कर रहे है जिनके हाथों में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज रहते है।
तहसील कार्यालय के अलावा परिवहन विभाग में भी अब बाबूओं की कुर्सी एवजी ही सम्भाल रहे है। अधिकारियों के निर्देश पर एजेन्ट अपना काम धडल्ले से कर रहे है। अधिकारियों के पास भी अब कोई दूसरा रास्ता नहीं है ताकि वे नियमित कामकाज को कर सके। इधर लायसेंस और अन्य कामों के लिए आने वाले उपभोक्ता परेशान होकर लौट रहे है। एवजियों के माध्यम से अधिकारी वे ही काम रहे है जिनमें वसूली की स्थिति बनी रहे। जिन एजेन्टों को आरटीओं कार्यालय में घूसने नहीं देने का दम भर रहे थे वहीं सारे कामकाज कर रहे है नोटशीट बना रहे और अधिकारी उस पर हस्ताक्षर कर रहे है।
Home / मध्य प्रदेश / इंदौर / एवजियों के भरोसे चल रहा है आरटीओ और तहसील कार्यालय लिपिक वर्ग की हड़ताल से आम नागरिकों की परेशानी बढ़ी
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