*इंदौर:-बाबा यादव*
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन ने कान्ह – सरस्वती नदी को जिन स्थानों पर सुरक्षित करते हुए उसे संरक्षित करने के आदेश दिए है उस पर नगर निगम और बिजली कम्पनी कार्य नहीं रही है। इन दो विभागों के अधिकारियों के कारण प्रशासन को बार बार जीएनटी कोर्ट के सामने शर्मिदा होना पड़ रहा है। पीसीबी ने जिन कम्पनी को नोटिस जारी किए है उन्हे भी निगम सील करने के लिए तैयार नहीं है।
बरसात के पहले जाीएनटी के आदेश के तहत प्रशासन ने सहयोगी विभागों की मदद से 18 किलोमीटर की कान्ह-सरस्वती नदी को पूर्नजीवित करने के लिए प्राथमिक कार्य तो कर लिया था और दो किलोमीटर का क्षेत्र ऐसा तैयार कर लिया जिसके आधार पर शेष नदी का कार्य किया जाना है। इधर नदी के किनारे स्थित फेक्ट्रियों को बंद करने के आदेश भी हो चुके है। जीएनटी के आदेश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नदी को दूषित करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया है जिसके आधार पर नगर निगम को दोषी कंपनियों के सीज करना था या बिजली कंपनी को उन फेक्ट्रियों की लाइट काटना थी परन्तु दोनों ही विभागों ने जीएनटी और कलेक्टर के आदेश का पालन नहीं किया है।
कान्ह सरस्वती नदी पर कब क्या हुआ था नदी किनारे स्थित कंपनी को लेकर जब मामला भोपाल जीएनटी कोर्ट पहुंचा तो वहां से मिले आदेश के बाद अपर कलेक्टर और नदी प्रभारी निधि निवेदिता ने 6 जून को नदी का दौरा किया और मौके की स्थिति जानी 7 जून को नदिया प्रदूषित करने वाली कंपनियों को बंद करने के लिए निर्देश नगर निगम को दिए। लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ है।
सहायक नदियों पर कार्य करने की पैरवी कान्ह-सरस्वती नदी के साथ उसकी सहायक नदियों पर भी कार्य किया जाना जरूरी है इसकी सहायक नदियां देवगुराड़िया, रालामंडल, माँचल, राऊ पहाडी से निकली है जो कृष्णपुरा छत्रियों तक 264 मीटर की ढलान पर है। इन नदियों के मानचित्र में इस क्षेत्र में बहने वाली मुख्य तीन नदियां सरस्वती, कान्ह, फतनखेड़ी व उप-साहयक नदियों है। इन नदियों के अलावा इंदौर में कुल 62 तालाब है और 9 तालाब इन 3 नदी क्षेत्र के 1. नेहरु वनग्राम, 2. राऊ फुटा तालाब, 3. असरावद, 4. लिम्बोदी, 5. मुण्डला नायता ,6 मुण्डी, 7. बिलावली, 8. बिजलपुर और 9. पिपलिया पाला है जिन्हे भी बचाना जरूरी है तभी कान्ह को मूल स्वरूप में देख जा सकेंगा।
किशोर कोडवानी, याचिकाकर्ता*
कोर्ट के निर्देश पर बरसात के पहले कार्य पूरा प्रशासन ने अपने निर्देशन में कान्ह नदी के 2 कि लोमीटर क्षेत्र का कार्य जो बरसात के पहले जीएनटी के निर्देशों के तहत पूरा कर लिया गया है। अब इस क्षेत्र में नदी के किनारे जो जो जगह खाली हुई है वहां पर पहले घास लगाई जाएगी ताकि मिटटी के बहाव को रोका जा सके इसके साथ ही वे पौधे रोपे जाएगे जो मिटटी को अपनी जडों से पकड़ कर रखे। वैसे नदी किनारे अभी 204 अतिक्रमण पाए गए है जिन्हे हटाया जाना है। यह कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा।
*निधि निवेदिता, अपर कलेक्टर इंदौर*