*इंदौर:-बाबा*
शहर के व्यावसायिक बाजारों को व्यवस्थित करने के लिए उन्हें व्यस्त इलाकों से बाहर ले जाने की आईडीए की योजना ध्वस्त हो गई! इससे स्पष्ट हो गया कि इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) अपने प्रस्तावों पर सही ढंग से अमल नहीं कर पर रहा है। शहर के विकास का दावा करने वाले आईडीए की सारी योजनाएं कागजों पर सिमटकर रह गई। आज भी कई बाजार पुराने स्थान पर चल रहे हैं।
इंदौर विकास प्राधिकरण व्यावसायियों को नोटिस देने के अलावा और कुछ नहीं कर सका। बाजारों को बाहर शिफ्ट करने के पीछे शहर की बेतरतीब यातायात व्यवस्था व विकास कार्य में बाधा उत्पन्न होना बताया जा रहा था। शहर के प्रमुख बाजारों लोहामंडी, ट्रांसपोर्ट नगर, कपड़ा मार्केट, सियागंज का किराना और चाय व्यापारी, संयोगितागंज अनाज मंडी के व्यापारियों ने आईडीए के आदेश के बाद बाहरी क्षेत्रों में प्लाट भी ले लिए, मगर अभी तक शिफ्ट नहीं हो पाए। इन बाजारों को लेकर कई बार अफसर बैठक लेकर रणनीति बना चुके हैं। लेकिन, ठोस कार्रवाई नहीं कर सके। सस्ते दामों पर कारोबार के लिए प्लाट देने वाला आईडीए भी केवल नोटिस देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली।
जिस तरह शहर बढ़ता जा रहा है, उसे देखते हुए अफसरों ने सालों पहले एक योजना बनाई थी कि अगर प्रमुख बाजारों को बाहर कर दिया जाए तो ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार आ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए आईडीए ने अपनी विभिन्न योजनाओं में शहर के प्रमुख बाजारों को सस्ते दामों में प्लाट दिए, मगर अब तक बाजारों का विस्थापन नहीं हो पाया।
शहर के मध्य लोहामंडी को विस्थापित करने 2006 में योजना क्रमांक 78 में आईडीए ने जमीन दी थी। इस पर विकास कार्य भी हो चुके हैं, लेकिन यहां मंडी शिफ्ट नहीं हो सकी। सियागंज बाजार के लिए योजना क्रमांक 54 के पीयू 4 में इसे शिफ्ट करना था। व्यापारियों को प्राधिकरण ने प्लाट बांट दिए। इन प्लाटों को व्यापारियों ने दूसरे लोगों को बेच दिया। ऐसे व्यापारियों के प्लाट की लीज निरस्त के प्रकरण प्राधिकरण के पास विचाराधीन हैं। ट्रांसपोर्ट नगर के लिए प्राधिकरण हब की परिकल्पना कर चुका है। लसूडिय़ा मोरी का इसके लिए चयन किया गया। यहां अभी तक किसी प्रकार का काम शुरू नहीं हो सका।
कपड़ा मार्केट के लिए केशरबाग रोड पर न्यू क्लाथ मार्केट बनाया जा चुका है। बाजार तो शिफ्ट नहीं हुआ, व्यापारियों को आंवटित प्लाटों की खरीद फरोख्त बदस्तूर जारी है। अब व्यापारियों ने सुपर कारिडोर पर आईडीए से जमीन मांगी है। संयोगितागंज अनाज मंडी को शिफ्ट करने प्राधिकरण ने नायता मुंडला का चयन किया था। यहां जमीन कम पड़ गई तो मोरोद माचल में सौ एकड़ जमीन देने की बात हुई। इस संबंध में प्रशासन ने दावे-आपत्तियां भी बुलवा लिए, मगर इससे बात नहीं बनी।
निगम ने राजकुमार मिल सब्जी मंडी से अवैध टीन शेड को जमींदोज किया था। इस मंडी को स्थानांतरित करने की योजना भी चल रही है। पूर्व में प्राधिकरण ने मंडी को स्कीम नंबर 78 के पार्ट 2 में देने की सहमति दी थी। वहां मंडी व्यापारी नहीं पहुंचे तो प्राधिकरण ने हाथ खींच लिए। अब मंडी को निरंजनपुर में ले जाने की बात हो रही है।
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