*इन्दौर:- ✍राजेश शर्मा की कलम से*
मध्यप्रदेश में पूरी तरह से चुनावी शंखनाद हो चुका है । सारे प्रमुख राजनैतिक दल चुनावी समर में खड़े दिखाई पड़ने लगे हैं । जहाँ एक ओर बीते पंद्रह वर्षों से निष्कंटक राज कर रही भाजपा पूरे मनोबल और प्रदेश में हुए विकास के नाम पर जनता के बीच संकल्प यात्रा के रूप में पहुंच चुकी है । वहीं हमेशा की तरह एन चुनाव के पहले कांग्रेस की रणनीति कमजोर दिखाई पड़ रही है । यहाँ दिलचस्प बात यह भी है कि जुम्मे जुम्मे अस्तित्व में आई आप पार्टी भी आत्मविश्वास के साथ चुनावी रणभूमि में ताल ठोंकती दिखाई दे रही है ।
इसी परिप्रेक्ष्य में राजनैतिक दलों द्वारा व्यंग्यबाणों का हमला तो शुरू हो ही चुका है । सभी इस मौके की तलाश में जुट गए हैं कि इनके हाथ कोई ऐसा घोटाला या फिर ऐसा मुद्दा हाथ लग जाए जिससे विरोधी दल को चुनावी रणभूमि में धूल चटा दी जा सके ।
एक ऐसा ही मुद्दा हाल ही में भाजपा के हाथ में आया है , कांग्रेस चुनाव प्रचार के प्रदेश प्रमुख व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपने वाहन से नारियल बाहर फेंकने का । इतने पर सियासत गरमा गई लेकिन भाजपा वैसे ही अपने विकास कार्यों व कमजोर विपक्ष के कारण आत्मविश्वास से लबरेज दिखाई दे रही है , क्यों ऐसे फ़िज़ूल मुद्दों पर अपना समय जाया कर रही है ?वैसे नारियल यानि श्रीफल के विषय मे सभी को जानकारी है कि नारियल को संस्कृत में श्रीफल के नाम से जाना जाता है। श्रीफल यानी भगवान का फल। तो ऐसे में नारियल आवश्यक रूप से भगवान का फल बन जाता है। नारियल फोडऩे का मतलब है कि आप अपने अहंकार और स्वयं को भगवान के सामने समर्पित कर रहे हैं। माना जाता है कि ऐसा करने पर अज्ञानता और अहंकार का कठोर कवच टूट जाता है और ये आत्मा की शुद्धता और ज्ञान का द्वार खोलता है, जिससे नारियल के सफेद हिस्से के रूप में देखा जाता है।
उल्लेखनीय है कि जिनके पूर्वज यानि सिंधिया राजघराने के वंशज हिन्दू धर्म संस्कृति , पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में सक्रिय रहे हों उन्हीं का कुलदीपक श्रीफल फैंकता है ….लाख कांग्रेसी लीपापोती कर लें कि महाराज ने सुरक्षा कारणों से ऐसा किया होगा ।
आज तो नारियल पर संदेह किया जा रहा है कल से तिलक लगवाने , पूजन सामग्री को भी कातिलाना सामग्री समझा जाने लगेगा । बहरहाल मामा यानि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ना सिर्फ चुनावी शंखनाद करते हुए चौथी बार विजय श्री हासिल करने संकल्प यात्रा पर निकल चुके हैं बल्कि इन्हें पहले ही दिन सभा में भारी जनसमर्थन देखने को मिला ।
बात करें कांग्रेस की तो इनकी चुनावी यात्रा निकलना तो दूर की बात रोड मैप तक तैयार नहीं हुआ है और कांग्रेसी आपस में सिरफुटौव्वल करने में पूरे मनोबल के साथ जुट गए हैं ।
✒ राजेश शर्मा