*मुख्यमंत्री जी आपके युवा नेता कर्मठ है लेकिन उनके द्वारा भृष्टाचार को उजागर करने पर कार्यवाही तो करवाओ जरा*
*जिले के अग्रणी शा. महाविद्यालय श्योपुर के प्राचार्य व आदर्श कन्या महाविद्यालय के प्रभारी एस.डी.राठौर द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करके किया उन्होंने लाखो का गबन*
*सत्ता के नशे में चूर, 5 वर्षो से जिले के कई महाविद्यालयो का प्रभार ले कर कर रहे है हेरा-फेरी*
*छुट्टी देने के एवज में करते है पेसो की डिमांड महाविद्यालयो के कई नए सहायक प्राध्यापक तो अतिथि विद्वान परेशान*
श्योपूर जिला वैसे तो सबसे पिछड़े जिलों की श्रेणी में आता है लेकिन लकड़ी की कारीगरी में प्रदेश का नम्बर 1 शहर है लेकिन यँहा का आम नागरिक मोन धारण कर बेटा है। न यँहा शासन न ही प्रशासन का ध्यान है जैसे कई शासकीय विभागों में भृष्टाचार चरम पर है दशकों पहले श्योपूर जिला तो बन गया लेकिन चन्द चाटुकारिता वाले नेताओं की वजह से शहर आज भी भृष्टाचार व स्वछता से कोसो दूर है।
लेकिन दसको बाद यँहा का युवा नेता अब जागा है और अपने कर्तव्य के प्रति निश्वार्थ भाव से जनता की सेवा के लिए जमीनी स्तर पर उतरा है ऐसे ही बीजेपी के युवा नेता राघवेंद्र सिंह जाट ने अब यँहा के भृष्ट शासन प्रशासन के लोगो की पोल खोलना शुरू कर दी है। ऐसा ही एक मामला जिसकी शुरुआत इस नेता ने छात्रों के हित में करते हुए बभृष्ट अधिकारी महाविद्यालय के प्रिंसिपल एस. डी. राठौर की पोल खोलते हुए अपने प्रेस नोट के माध्यम से पत्रकारों को बताया कि पिच्छले 5 वर्षो से शहर के अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य का पद व जिले के कई कॉलेजो के सत्ता के दम पर प्रभारी प्रेंसिपल बन बेटे राठौर ने भृष्टाचारी की सीमा लांग दी है । जबकि इस भृष्टाचार की जानकारी उच्च शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को होने के बावजूद इनके ऊपर कोई जांच या सटीक कार्यवाही नही हो रही है। मामले में बीजेपी नेता राघवेंद्र ने बताया कि कॉलेज में सहायक प्राध्यापक के पदों पर नियुक्त व अतिथि विद्वानों से छुट्टी पर जाने के बदले उनसे मोटी रकम वसूली जाती है। इस बारे में दबी जुबान कई प्रोफेसर तो कई अखबारों ने खबरे प्रकाशित की लेकिन उच्च अधिकारियों ने कोई संज्ञान नही लिया । विगत 5 वर्षों में जो कि इनका कार्यकाल रहा है कोई भी विकाश कार्य नही हुआ है।इसके बावजूद कई विकाश कार्यो का लाखो रुपयों का भुगतान फर्जी तरीके से किया गया है। महाविद्यालय में कई वर्षों से क्रीडा सामग्री नही खरीदी गई है,जबकि महाविद्यालय द्वारा एक विशेष फर्म के बिल लगा कर शासन को लाखों रुपयों की क्षति पंहुचाई जा रही है। उक्त महाविद्यालय द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष दी जाने वाली निःशुल्क स्टेशनरि बहुत ही घटिया एवं हल्के किस्म की प्रदान की जा रही है।जबकि शासन इन्हें पूरा बजट दे रही है अनुमोदित या कहे प्रतीत हो रहा है कि उक्त सामग्री की खरीदी में पूर्ण रूप से भृष्टाचार किया जा रहा है। जबकि इनके पूर्व में पदस्त प्राचार्य द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों को निःशुल्क आवंटित होने वाली सामग्री काफी अच्छी गुणवत्तापूर्ण थी। अतः पूर्व की सामग्री व वर्तमान की सामग्री की गुणवत्ता की जांच की जाना चाहिए। जिले में उक्त प्राचार्य राठौर जंहा जंहा के प्रभारी प्राचार्या है तथा जिले के समस्त शासकीय महाविद्यालयो (विजयपुर, ढोढर, करहल एवं श्योपूर) में कार्यरत अतिथि विद्वानों से उनका वेतन निकालने के एवज में 10 से 20 प्रतिशत कमीशन लिया जा रहा है।
प्राचार्य राठौर द्वारा अपनी पुत्री को जनभागीदारी समिति द्वारा वाणिज्य विषय मे अतिथि विद्वान के तौर पर रख कर अपने पद का दुरुपयोग किया गया है, इनकी पुत्री सत्र 2017-18, 2019-20 में अतिथि विद्वान के पद पर पदस्त रही , जबकि इस दौरान इनकी पुत्री शहर के एक प्राइवेट बी.एड. कॉलेज की रेगुलर छात्रा के तौर पर अध्ययनरत थी इसके उपरांत शासकीय महाविद्यालय में नियमित रूप से शिक्षण कार्य करा रही थी, जिसका वेतन नियमित रूप से जनभागीदारी द्वारा इनको दिया गया है।
उक्त प्रभारी प्राचार्य राठौड़ द्वारा कोरोना काल (मार्च2020) में जनभागीदारी समिति से लगे अतिथि विद्वानों को बिना किसी सूचना के हटा दिया गया। जबकि राज्य शासन व केंद्र शासन के शख्त निर्देश है कि इस महामारी काल मे किसी भी कर्मचारी को हटाया न जाए, बावजूद इसके उनको हटा दिया गया है, जिससे उन अतिथि विद्वानों को आर्थिक एवं मानसिक परेशानीयो का सामना करना पड़ रहा है।
उक्त प्रभारी प्राचार्य एस डी राठौर की शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उच्च शिक्षा मंत्री मोहनजी यादव, जिले के प्रभारी मंत्री, आयुक्त उच्च शिक्षा, आयुक्त चम्बल सम्भाग आदि को प्रेषित कर इनके विरुद्ध विभागीय जांच करने इनके भृष्टाचार के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने का निवेदन करते हुए जिला अध्यक्ष भाजयुमो राघवेंद्र सिंह ने बताया।