डीएनयु टाईम्स (धर्मेन्द्र सोनी,इंदौर)
इंदौर 31 मार्च, 2020
इंदौर शहर कोरोना संक्रमण के जिस दौर से गुजर रहा है, उस स्टेज में संक्रमण बहुत तीव्र गति से फैलता है। शहर में पाए गए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के निवास से संबंधित क्षेत्रों को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया है। इसके अतिरिक्त उक्त मरीजों की फर्स्ट एवं सेकंड कांटेक्ट हिस्ट्री का पता लगाकर संबंधित व्यक्तियों को आइसोलेट करके क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है। जिला कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया कि, इंदौर में कोरोना पॉजिटिव पाए गए नए 17 मरीज इन्हीं क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए व्यक्तियों में से हैं। प्रशासन का यह प्रयास है कि,कोविड-19 पॉजिटिव पेशेंट के परिवारजनों तथा उनका जिनसे कांटेक्ट हुआ है, उन्हें तत्काल क्वॉरेंटाइन किया जाए। कलेक्टर ने बताया कि, रानीपुरा, हाथीपाला सबसे ज्यादा चुनौती वाले क्षेत्र हैं। घनी बस्ती होने के कारण यहां संक्रमण बहुत तेजी से फैला है। उन्होंने बताया कि, चंदन नगर एवं खजराना में डिटेल सर्वे कराया जा रहा है। यहां आशा, एएनएम तथा आंगनवाड़ी वर्कर की टीम के द्वारा घर-घर जाकर दवा वितरण एवं प्रोफेशनल ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। इनके द्वारा सर्वे कर, कोरोना से संबंधित लक्षण जैसे सर्दी, खांसी, जुखाम, गले में खराश आदि होने पर यलो कैटेगरी वाले अस्पताल में स्क्रीनिंग के लिए भेजा जा रहा है।
जिला कलेक्टर ने कहा कि अगले 7 दिन सख्ती बरकरार रखी जाएगी तथा कर्फ्यू का पूर्ण रुप से पालन किया जाएगा। उन्होंने इंदौर की जनता से अपील की कि, सभी मानसिक रूप से तैयार रहें तथा लॉक डाउन के समय प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने बताया कि, पिछले 2 दिन में करीब 450 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया तथा 285 लोगों का स्वाब टेस्ट के लिए भेजा गया। क्वॉरेंटाइन फैसिलिटी बढ़ाने के उद्देश्य से बैकहैंड पर लगातार काम किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कोविड- पॉजिटिव पेशेंट के इलाज के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग का कार्य भी किया जा रहा है।
कलेक्टर ने बताया कि कोविड पॉजिटिव पेशेंट के लिए लगभग 700 बेड की व्यवस्था है। उन्होंने जानकारी दी कि, एक आदेश के द्वारा अस्पतालों को रेड, येलो एवं ग्रीन केटेगरी में विभाजित किया गया है। रेड कैटेगरी में कोविड- पॉजिटिव पेशेंट, यलो केटेगरी में कोरोना से संबंधित लक्षणों वाले पेशेंट तथा ग्रीन केटेगरी में अन्य बीमारियों के इलाज वाले पेशेंट लिए जाएंगे।
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि, ग्रीन केटेगरी वाले अस्पताल सबसे ज्यादा हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि इंदौर शहर में आबादी बहुत बड़ी है तथा बहुत सारे लोगों को कई अन्य बीमारियां हैं। उनका इलाज सामान्य रूप से चल सके इसलिए ग्रीन केटेगरी के अस्पताल सबसे ज्यादा हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोना, स्वाइन फ्लू से कम खतरनाक है तथा भारतीय इस वायरस से लड़ने में बहुत सक्षम हैं। इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं, बस संयम बरतने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के समय दवा बाजार, केमिस्ट एसोसिएशन से संबंधित फैक्ट्री यूनिट पूर्ण रूप से खुली रहेंगी। वहां कार्य करने वाले कर्मचारियों को प्रमाण पत्र के द्वारा आने जाने पर छूट रहेगी।
उन्होंने बताया कि, डॉक्टर तथा नर्स की सुरक्षा के लिए पी.पी.ई. किट दी गई है। रेड एवं येलो केटेगरी वाले अस्पतालों में पीपीई किट के माध्यम से डॉक्टर तथा नर्स की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। ग्रीन कैटेगरी वाले अस्पताल में एचआईवी किट का वितरण किया गया है।