*इंदौर:-बाबा यादव*
चुनाव के पहले लगातार हो रहे फेरबदल से इंदौर का प्रशासनिक संकुल बच नही पा रहा है। एक ओर तो चुनाव आयोग का शिकंजा तो दूसरी और अधिकांश अधिकारी इंदौर में मन लगाकर कार्य ही करना नहीं चाहते है।यहीं कारण हेै कि जब भी कोई तबादला सूची जारी होती है तो उसमें इंदौर का कोई ना कोई अधिकारी शामिल होता है। एक माह में दूसरी बार कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ एसडीएम को कार्यमुक्त कर नऐ अधिकारी की नियुक्ति की गई है।
तबादला सूची में शामिल होने वाले जिलों में इंदौर अछूता नही है। एक माह में दूसरी बार इंदौर में पदस्थ एसडीएम स्तर के अधिकारियों का तबादला किया गया हेै। वर्तमान में जो अधिकारी उनके हाथों में क्षमता से अधिक कार्यो का दायित्व सौपा गया है। कुछ अधिकारी तो मौज मस्ती में रहते है तो कुछ काम के बोझ से दबे हुए है। हाल ही में हुए तबादलों में इंदौर में पदस्थ एसडीएम शालिनी श्रीवास्वत को क्षेत्रिय उपायुक्त भूअभिलेख इंदौर में पदस्थ किया है। एक अधिकारी को हटाकर दो नए अधिकारी सारिका भूरिया को देवास संयुक्त संचालक श्रम संचानालय इंदौर, सोहन कनाशा बुराहनपुर एसडीएम को इंदौर एसडीएम बनाया गया है।
प्रशासनिक संकुल में वर्ममान में पदस्थ कई अधिकारी ऐसे है जिनके पास दोहरे कार्य है। जिनमें राकेश शर्मा को नौ थानों का जिम्मा दे रखा है जो दो एसडीएम के कार्यक्षेत्र का मामला है। ऐसे ही कई अधिकारी और भी है जो दोहरा कार्य कर रहे है।
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