*इंदौर:-बाबा यादव*
शहर के पत्रकारों का एक समूह स्वच्छंद रुप से जनसम्पर्क विभाग के हिटलर अधिकारी के खिलाफ शुक्रवार को एक घंटे के सांकेतिक मौन धरने पर बैठ गए। दरअसल, खुद को किसी बडे अधिकार से कम नही समझने वाले सहायक जनसंपर्क आयुक्त जनसंपर्क अधिकारी महिपाल अजय के खिलाफ पत्रकारों का गुस्सा इस कदर फूटा की उन्होने काली पट्टी बांधकर मौन रहकर सांकेतिक धरना दिया। बताया जा रहा है कि बीते 12 से अधिक समय से जनसंपर्क विभाग में पदस्थ सहायक जनसंपर्क अधिकारी चंद पत्रकारों के साथ बेहतर संपर्क में है और इसी के चलते वे ये समझते है कि सभी जमीन पत्रकारो को उन्होने खरीद लिया है। लिहाजा सहायक जनसंपर्क अधिकारी के खिलाफ शर के युवा व वरिष्ठ पत्रकारों ने मोर्चा खोल दिया इंदौर के जनसंपर्क कार्यालय पर सांकेतिक मौन धरना दिया। दरअसल, जनसंपर्क विभाग की खिलाफत उस समय में षुरु हुई जब शहर के एक युवा पत्रकार आकाश धोलपुरे ने पीएम मोदी की सभा के एक दिन पहले जनसंपर्क अधिकारी से जानकारी चाही तो उन्होने जानकारी देने से मना कर दृव्यवहार किया। इसके बाद आक्रोशित पत्रकार आकाश धोलपुरे ने सोशल मीडिया और फेसबुक का सहारा लेकर सहायक जनसंपर्क अधिकारी को उनके कर्तव्य और दायित्वों के निर्वहन करने को लेकर तमाम पोस्ट जारी की। इन पोस्ट के जारी होनेे के बावजूद भी कोई जबाव गैर जिम्मेदार अधिकारी की ओर से नही आया। दरअसल, 5 से 10 पत्रकारों को मीडिया समूह मानने वाले अधिकारी के खिलाफ जब मठाधीश बाहर जाओ मुहिम शुरु हुई तो शहर के तमाम पत्रकार जनसंपर्क विभाग के बाहर धरने पर बैठ गए और काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। इस मौके पर पत्रकार भूपेंद्र नामदेव, दीपक करदम, हेमंत षर्मा, समीर खान, विकास सोलंकी, शरद व्यास, अभिषेक रघुवंषी, हर्षवर्धन प्रकाश, अजहर शैख, दीपक यादव, अशोक शर्मा, राजेंद्र शर्मा, गोविंद राठौर, नरेंद्र परमार, रवि रत्नाकर, मंगल सिंह राजपूत सहित बडी संख्या में पत्रकार मौजदू थे। पत्रकारो के मौन विरोध की बात जब जनसंपर्क विभाग के संयुक्त संचालक आर.आर.पटेल को मिली तो वे स्वयं पत्रकारों से मिलने पहुंचे इस दौरान गुस्साएं पत्रकारों ने अधिकारी महिपाल अजय के दुर्व्यवहारसे लेकर, उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। जिसके बाद उन्होने पत्रकारों को भरोसा दिलाया वे इसकी शिकायत भोपाल करेगें और स्वयं संज्ञान लेकर मामले की जांच भी करेगें। पत्रकारों की मांग थी कि महिपाल अजय नामक अधिकारी को इंदौर से बाहर किया जाएं क्योकि तमाम धांधली वे इंदौर में कर रहे है और ऐन चुनावी मौके पर जब इस तरह का विरोध सामने आ रहा है तो भोपाल में जनसंपर्क विभाग की मुश्किलें बढ गई है क्योंकि अब मीडियाकर्मियों की मांग है कि ये अधिकारी अब इंदौर में नही चाहिए जो बीते कई सालों से अंगद की तरह अपने पैर जमाएं हुए है। वही इंदौर समिट के दौरान शहर आये मुख्य जनसंपर्क आयुक्त पि. नरहरि ने कहा था कि वो इंदौर के पत्रकारों की हर समस्या का समाधान करेंगे लेकिन उनके अधीनस्थ ही उनके वादों को विफल करने में लगे हुए। शुक्रवार को एक जाजम पर आए पत्रकारों ने जल्द ही महिपाल अजय नामक अधिकारी के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है। यदि जल्द विभाग नियमानुसार महिपाल अजय को इंदौर से बाहर नही भेजता है तो पत्रकार भोपाल जाकर लिखित शिकायत जनसंपर्क विभाग के आला अधिकारियों से लेकर मुख्य सचिव तक करेंगे।