*इंदौर:-DNU*
अपराध व अपराधियों पर नियत्रंण एवं अपराधों के अन्वेषण व अनुसंधान कार्यवाही को लेकर डीसी सागर ने एक कार्यशाला में अपना उद्बोधन दिया। उन्होंने अपराधियों को कड़ी सजा दिलवाने, अनुसंधान में ध्यान रखने वाली तकनीकी जानकारी के बारे में अवगत कराया। उपस्थित अनुसंधान अधिकारियों को अपराधों की विवेचना के दौरान ध्यान रखने वाली बातों के बारें में बताने के लिए एक अपराध की केस स्टडी का उपस्थित प्रशुक्षिओं के माध्यम से नाट्य रूपांतरण भी किया गया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं) डीसी सागर ने इस कार्यशाला में अपराध अन्वेषण के दौरान रखी जाने वाली सावधानियां, फोरेसिंक दृष्टिकोण से की जाने वाली कार्यवाही व अपराधों की विवेचना में छोटी से छोटी तकनीकी जानकारियों का ध्यान रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे अपराधों का शीघ्र निराकरण हो सकेगा और अपराधियों को कड़ी सजा मिलेगी। उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों को कई अपराधों के केस स्टडी के पावर पाइंट प्रजेटेंशन के माध्यम से जानकारियां दी गई! अपराध अनुसंधान में हर चीज के तकनीकी महत्व को भी समझाया गया।
राजवाड़ा इलाके में अबोध बालिका के साथ हुए जघन्य एवं घृणित अपराध में इन्दौर पुलिस द्वारा जिस टीम भावना, तत्परता व वैज्ञानिक सोच के साथ विवेचना क गई, उसकी एडीजी सागर ने प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक केस में इसी तरह कार्रवाई की जाना चाहिए। कार्यशाला के दौरान अन्य वरिष्ठ अधिकारियों व वैज्ञानिक अधिकारियों द्वारा भी इस विषय पर उपस्थित अनुसंधान अधिकारियों को आवश्यक जानकारियां दी गई। पुलिस अधीक्षक मुखयालय मोहम्मद युसूफ कुरैशी ने अंत में महत्वपूर्ण जानकारी के लिए एडीजी डीसी सागर का आभार व्यक्त किया।
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