*इंदौर:-बाबा यादव*
विधानसभा चुनाव के पहले मतदाता सूची को लेकर दिल्ली और भोपाल से जो कसावट की जा रही है उसके कारण इंदौर निर्वाचन अधिकारी परेशान है। निर्वाचन अधिकारी की परेशानी यह नहीं है कि मतदाता सूची पर काम नहीं हो रहा है बल्कि वे परेशान इसलिए भी है कि उनके मातहात अधिकारी गलत जानकारी देकर आयोग के सामने उन्हे शर्मिदा कर रहे है। ऐसी ही एक घटना को लेकर खुद निशांत वरवडे ने महू तहसीलदार और एसडीएम के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे परन्तु इनकी जांच कौन करेगा यह अभी तक तय नहीं हो पाया है।
इंदौर पर पदस्थ होने वाले अधिकारी अपनी राजनैतिक पहुंच के कारण इतने ताकतवर होते है उन पर कार्रवाई करना वरिष्ठ अधिकारियों के बस की बात नहीं होती है। जब भी कोई अधिकारी अपने अधिनस्थ अधिकारी पर शिंकजा कंसता है तो भोपाल में बैठे उनके आंका सीधे कलेक्टर और कमीश्नर को फोन लगाकर निर्देश दे देते है। हाल ही में महू के एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ निर्वाचन अधिकारी ने जांच के आदेश तो दिए परन्तु राजनैतिक एप्रोच के कारण उनके खिलाफ जांच करने वाले अधिकारी अभी तक नहीं मिले है।
किस्सा कुछ यू है कि इंदौर निर्वाचन अधिकारी निशांत वरवडे ने चुनाव कार्याे में लापरवाही के लिए 14 बीएलओ और 4 पर्यवेक्षकों को निलबिंत कर दिया था और मतदाता सूची के आकडों की विस्तृत जांच के आदेश दिए थे। इसके अलावा अधिकारियों के कार्याे की भी समीक्षा क रते हुए उनके खिलाफ विभागीय जाचं के आदेश दिए थे। मतदाता सूची की गडबडी और आंकडों के सही आकलन नहीं परने पर इस जांच के घेरे में राऊ एसडीएम रवि कुमार सिंह, राऊ तहसीलदार पल्लवी पुराणिक और महू तहसीलदार तापिश पांडे भी थे जिनके खिलाफ खुद निर्वाचन अधिकारी निशांत वरवडे ने अधिकारियों की बैठक में विभागीय जांच का आदेश दिया था।
भोपाल से दो तरफा दबाव, कलेक्टर पशोपश में
भोपाल से आ रहे दवाब के चलते विभागीय जांच के आदेश तो इन अधिकारियों के खिलाफ दे तो दिए मगर जांच कौन करेगा यह अभी तक तय नहीं हो पाया है। सूत्र बताते है कि जांच को प्रभावित करने और नहीं होने देने के लिए भोपाल में बैठे इन अधिकारियों के आंकाओं ने दबाव भी बनाना शुरू कर दिया है। इधर निर्वाचन अधिकारी अब पशोपश में है कि आखिर क्या किया जाएं।
यह था मामला जिस पर दिये थे जांच के आदेश
राऊ में, मतदान केंद्र के बारे में विवरण सही नहीं थे और चुनाव आयोग को ब्योरा भेजने के बाद अधिकारियों ने बताया कि राऊ क्षेत्र में 11 मतदान केंद्र बनाए जाने होंगे। इसी तरह कांग्रेस के पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार ने महू तहसील की मतदाता सूची के बारे में शिकायत की थी।महू तहसील की मतदाता सूची की समीक्षा करने के बाद, यह पाया गया कि पूर्व विधायक कांग्रेस अंतरसिंह दरबार की शिकायत सच थी। मतदाता सूची की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में इंदौर जिले के चुनाव के प्रभारी अधिकारी एडीएम निधि निवेदिता और एडीएम कैलाश वानखेड़े भी उपस्थित थे। इस दौरान निर्वाचन अधिकारी निशांत वरवडे ने कहा कि प्रशासन 100 प्रतिशत सही मतदाता सूची बनाने और जिले में निष्पक्ष चुनाव करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और इसके लिए हम लापरवाही अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
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