*इंदौर:-बाबा यादव*
देपालपुर में गर्ल्स होस्टल की वार्डन को हटाएं जाने की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय से लेकर देपालपुर पंचायत कार्यालय तक सतत आंदोलन करने पर जिला पंचायत ने कार्रवाई की है। देपालपुर पंचायत की एसडीएम ने एक आदेश जारी वार्डन प्रतिभा पांडे को पद मुक्त कर आगर स्कूल की शिक्षक सुनिता चौहान को प्रभारी वार्डन बनाया गया है।
देपालपुर गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने पुलिस थाने से लेकर प्रशासन तक अपना विरोध दर्ज कराते हुए यह कहा कि हॉस्टल की वार्डन छात्राओं से पढाई कराने के बजाय उनसे अन्य काम करवाएं जाते है। यहीं नहीं छात्राओं के साथ दुव्यवहार किया जा रहा है तथा छात्रावास में सुविधाओं की कमी है। इससे इनका भविष्य दांव पर लगा है।हॉस्टल की वार्डन प्रतिभा पांडे पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा गया था कि एससी व एसटी की छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। इस मामले में छात्राओं ने पहले अखिल भारतीय बलाई समाज के अध्यक्ष मनोज परमार और प्रदेश महिला अध्यक्ष लता मालवीय के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय, फिर एसडीएम कार्यालय देपालपुर में विरोध प्रदेश किया था। परमार और लता मालवीय ने चेतावनी दी थी कि वार्डन प्रतिभा पांडे को हटाए जाने तक आंदोलन जारी रहेगा।
छात्राओं और सामाजिक संगठनों द्वारा लगातार विरोध को बढ़ता देख कलेक्टर निशांत वरवडे ने जांच के आदेश दिए थे। आदेश के बाद एसडीएम अदिति गर्ग ने गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं से मुलाकात कर उनकी समस्याएं जानी, हॉस्टल में मुलाकात करने आए परिजनों, प्रिंसिपल राजेशसिंह और वार्डन प्रतिभा पांडे से भी इस बारे में जानकारी ली। प्रकरण की जांच के बाद एसडीएम आदिति गर्ग ने प्रतिमा पांडे को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए उनके स्थान पर प्रभारी वार्डन आगरा स्कूल की शिक्षिक सुनिता चौहान को दायित्व सौपा गया है।
समिति के माध्यम से नियुक्त होगी वार्डन
एडीपीसी आरएसएसए के नरेद्र कुमार जैन ने बताया कि पांडे का चयन समिति के माध्यम से किया गया था और कलेक्टर से अनुमोदन मिलने के बाद समिति के माध्यम से नये वार्डन का चुनाव किया जाएगा। हॉस्टल के नए वार्डन की नियुक्ति होने तक चौहान को जिम्मेदारी सौपी जाएंगी।
छात्राओं को न्याय नहीं मिला है
एसी,एसटी की छात्राओं से दुव्यहार के मामले में अांदोलन किए जाने के बाद एसडीएम ने हॉस्टल की वार्डन प्रतिभा पांडे को हटा तो दिया है मगर छात्राओं को सैद्वांतिक रूप से न्याय नहीं मिला है। कुंठा से ग्रसित वार्डन को उसी स्कूल में शिक्षिका के पद पर सेवा देने क्रम जारी रखा है जो छात्राओं के भविष्य के लिए उचित नहीं है और छात्राओं के मन में जहां भय का वातावरण बना रहेगा वही शिक्षिका अपने प्रभाव से छात्राओं को प्रताडित कर सकती है। जब तक शिक्षिका को विद्यालय से हटाया नही जाता है तो तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
*मनोज परमार ,अध्यक्ष, अ.भा. बलाई समाज*