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जनहितैषी कार्यो को मीडिया में मिलना चाहिये समुचित स्थान

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डीएनयु टाईम्स (धर्मेंद्र सोनी, इंदौर)

इंदौर 24 दिसम्बर,2019

      मध्यप्रदेश सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर इंदौर संभाग के सभी जिलों में संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय द्वारा जनसरोकार और मीडिया विषय पर संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। इसी क्रम में इंदौर में आज प्रीतमलाल दुआ सभागृह में  संगोष्ठी आयोजित की गई।

      इस संगोष्ठी में इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री अरविन्द तिवारी ने कहा कि मीडिया में जनसरोकारो की खबरो को समुचित स्थान मिलना चाहिये। जन सरोकारों की खबरो का बहुत महत्व होता है। उन्होंने कहा कि पहले ऐसा दौर था जब जन समस्याओं की खबरे प्रकाशित होती थी तो उसका निराकरण भी तुंरत हो जाता था। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन के अच्छे एवं जनहितैषी कार्यो को भी मीडिया में स्थान देना होगा। जनता से जुड़े मुद्दों को एक सीमा तक ही नजरअंदाज किया जा सकता है। मुद्दा अच्छा होगा, जनहित का होगा तो उसे प्रतिसाद मिलेगा।

      इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री रमण रावल ने कहा कि समाज और सरकारी तन्त्र में अलग-अलग प्रकृति और अलग-अलग स्वभाव के लोग रहते हैं। कार्यों में सफलता तभी मिलती है जब उसमें जनसरोकार और जनसहभागिता जुड़ी हुई हो। इसका बेहतर उदाहरण इंदौर शहर को लगातार स्वच्छता में नंबर वन रहने का है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेकर उसका क्रियान्वयन कर रही है। सरकार ने कर्जमाफी का पहले ही दिन निर्णय लेकर उसका अमल शुरू कर दिया। यह उनकी जनहितैषी भावना को दर्शाता है। जनसरोकार की दिशा में सरकार का यह बड़ा कदम था। इसके बाद वह लगातार जनता के हित में निर्णय लेकर उसका क्रियान्वयन कर रही है। उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष लोकतंत्र के महत्वपूर्ण अंग है। सत्ता पक्ष का काम है कार्य करना और विपक्ष उसकी आलोचना करती है।  उन्होंने कहा की मीडिया को  जनता का पक्ष रखना चाहिये।

      संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुये वरिष्ठ पत्रकार श्री अमित मण्डलोई ने कहा कि जनसरोकर विस्तृत शब्द है। इसके मायने सबके लिये अलग-अलग है। जनसरोकार भी पक्ष एवं विपक्ष में बटा हुआ है। आमजन भी अपने सरोकारों से अज्ञान है। ऐसे वक्त में मीडिया एवं सरकार के सामने बडी चुनौती है कि वह जन भावना को कैसे समझे और उसके अनुरूप कैसे कार्य करें। ऐसे समय में जब सोशल मीडिया के माध्यम से हर व्यक्ति अपनी भावना व्यक्त कर रहा है, उस समय प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया का दायित्व और अधिक बढ़ जाता है। प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया की विश्वसनीयता ज्यादा है। सोशल मीडिया में कही गयी बात का फैलाव सीमित है, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया का दायरा ज्यादा हैं। हमको चाहिये कि अपनी विश्वसनीयता कायम रखते हुये जनसरोकारों के मुद्दों को प्रमुखता दें।

 

      कार्यक्रम के प्रारंभ में संभागीय जनसंपर्क कार्यालय इंदौर के प्रभारी संयुक्त संचालक डॉ. आर.आर पटेल ने स्वागत भाषण देते हुये संगोष्ठी आयोजन के उदे्श्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती सुनयना शर्मा ने किया। इस अवसर पर उपस्थितजनों को राज्य शासन की गत एक वर्ष में हासिल उपलब्धियों की जानकारी दी गई।

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