*इंदौर:-संजय बाबा यादव*
नगर निगम तेजी से स्मार्ट होने का दावा कर रहा है। कई स्थानों पर विकास कार्य भी जारी हैं। लेकिन, शुक्रवार को एक अजीब नजारा इंदौर के आदर्श वार्ड में देखा गया, जहाँ डिवाइडर के सौंदर्यीकरण के काम के तहत कुछ दिनों से रैलिंग पुताई का काम चल रहा है। ये काम उन नाबालिगों से करवाया जा रहा है, जिनकी अभी पढ़ने की उम्र है।
निगम के झोन क्रमांक 15 के वार्ड 71 के रणजीत हनुमान रोड़ के डिवाइडर बन चुके हैं और पौधरोपण भी हो चुका है। यहाँ लगाई गई रैलिंग पर कई दिनों से पुताई का काम चल रहा है। निगम ने इस कार्य का ठेका किसी राजेश पेंटर को दिया है। लेकिन, जानकारी लेने पर उसने झूठ बोलै और खुद दिहाड़ी मजदूर बताने लगा! जब उससे ठेकेदार के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि किसी रचित नामक व्यक्ति ने ठेका लिया है। काम कर रहे मजदूरों की उम्र के बारे में राजेश पेंटर ने बताया कि उनकी उम्र 17 से अधिक है। जबकि योगेश नाम के मजदूर ने कबूल किया कि उसकी उम्र 17 साल है। वही राजेश पेंटर को ठेकेदार भी बता दिया। कुछ देर बाद जब ठेकेदार को घबराहट हुई तो उसने तुरंत काम रुकवा दिया और नाबालिगों को मौके से जाने के लिए कह दिया। जब इन बच्चों का पीछा किया गया तो पता चला कि ये बीते कई दिनों से काम कर रहे है। जबकि, ठेकेदार राजेश पेंटर चौक में मजदूर नही होने का बहाना बता रहा है। वही इस कार्य में घटिया किस्म का माल उपयोग में लाये जाने की शिकायत सामने आ रही है। नाबालिगों से काम कराकर अगर शहर को स्मार्ट बनाया जा रहा है तो ये शहर के लिए दुर्भाग्य की बात है। क्योंकि, ठेकेदार मजदूरी बचाने के फेर में बच्चों से काम करवा रहा है और श्रम कानूनों का भी उल्लंघन कर रहा है। फिलहाल, ये मामला निगम और निगम परिषद की आंखे खोलनेके के लिए काफी है।
Home / मध्य प्रदेश / इंदौर / नाबालिगों से कराए जा रहे शहर के विकास के कार्य कैमरा देखते ही ठेकेदार ने बाल मजदूरों को भगाया
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