*इंदौर:-बाबा यादव*
नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा आवासीय व व्यावसायिक भवनों की अनुमति देने के पूर्व नगर एवं ग्राम निवेश विभाग (टीएनसीपी) से अनुमति नहीं लेता, जिससे टीएनसीपी खफा है। बगैर अनुमति निर्माण हो जाने के बाद जमीन की जानकारी मिलने से टीएनसीपी के समक्ष संकट खड़ा हो जाता है। देखने में आया है कि शहर व जिले में रिक्त पड़ी सैकड़ों एकड़ भूमि पर बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हो रहे हैं।
नगरीय प्रशासन विभाग के अनुसार, अधिकांश रिक्त पड़ी भूमि पर कोई भी निर्माण कार्य होने से पहले संबंधित विभाग को टीएनसीपी, इन्दौर विकास प्राधिकरण से एनओसी लेना पड़ती है। एनओसी का आवेदन आने पर विभाग अपनी योजनाओं का उल्लेख करता है। कई बार निगम व्यावसायिक भवन के लिए नक्शे पास कर देता है। नक्शा पास होते ही भवन निर्माण शुरू हो जाता है। इसी बीच नगर एवं ग्राम निवेश विभाग को सूचना मिलती है कि फलां जमीन उसके अधीन है, वह जमीन लेने के लिए निगम व प्राधिकरण को पत्र व्यवहार करता है, पत्र का जब तक जवाब आता है, तब तक भवन बनकर तैयार हो जाता है। ऐसी दशा में नगर एवं ग्राम निवेश विभाग पीछे हट जाता है।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि निगम अथवा प्राधिकरण ने टीएनसीपी को बगैर सूचित किए कहीं भी निर्माण कार्य करा दिया तो जानकारी मिलते ही संबंधित भवन मालिक पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके पीछे विभाग अपनी योजनाओं को आकार देना बता रहा है।
Home / मध्य प्रदेश / इंदौर / निगम, प्राधिकरण से बेहद खफा है टीएनसीपी विभाग – बगैर सूचना दोनों विभाग दे रहे अनुमति
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