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पौधारोपण के नाम वनकर्मी ही कर रहे बड़ा घोटाला वनकर्मी अपने ही घर के सदस्यों को वन बनाकर वसूल रहे है लाखों रुपए

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*इंदौर:-बाबा यादव*
राज्य सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में 15 जुलाई से पौधारोपण का अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका वन विभाग की होती है और वन विभाग के अधिकारी तो दूर कर्मचारी पौधों के वितरण से लेकर लगवाई तक बडे घोटाले करने मे पीछे नहीं है। विभाग के कृषि वानिकी खण्ड से किसानों को नि:शुल्क पौधा देने के सरकार के आदेश है। इस आदेश के विरुद्व वन विभाग के कर्मचारी अलग अलग किसानों के बजाय चुनिंदा किसानों को थोक में पौधे देकर अपने ही लोगों को वन दूत बनाकर बडा घोटाला कर रहे है वन दूत को सरकार प्रति पौधा सात रुपए कमीशन देता है इसलिए वन विभाग की एक महिला कर्मचारी ने अपने पति ओर बेटे को वन दूत घोषित कर पौधारोपण के नाम पर कमीश्न के नाम लाखों रुपए भी लेने की  योजना बना चुके है। इधर जिले के सैकडों किसान पौधों को लेकर परेशान है उन्हे विभाग पौधे देने के बजाय टरका रहा है।
सरकार के निर्देश पर किसानों को पौधे नि:शुल्क देने की योजना है, मगर इदौर के वन विभाग के कर्मचारी इसमें बडा खेल कर रहे है। जिन किसानों को पौधे देने होते है उनके नाम पहले से बुक कराए जाते है। इधर वन विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से बेटमा क्षेत्र के एक अग्रवाल परिवार ने खुद को किसान बताया ओर पूरे परिवार के नाम से चुनिंदा खसरा नंबर पर 56 हजार पौधे बुक करा लिये। इधर उन पौधों को रोपने के लिए वन विभाग में पदस्थ महिला वनपाल नसीमबानों ने अपने बेटे सलमान को वन दूत घोषित करव दिया। यानि थोक में किसान को पौधा दिलवाकर अन्य किसानों के साथ नाइंसाफी करना था और दूसरी ओर इतने पौधों के नाम पर बेटे को वनदूत बनाकरक 2लाख 52 हजार का कमीशन विभाग से अपने परिवार के नाम से लेना शामिल है। विभागीय अधिकारी इस बात को स्वीकार कर रहे है कि नसीम बानों ने बेटे के साथ अपने पति को भी बन दूत बना दिया है । बताते है इस बार जो पौधों का वितरण होगा ओर दो किसानों के बीच ही करीब एक लाख बीस हजार पौधे देने की पीछे अपने परिवार में आठ लाख से अधिक का कमीशन पाया है।
कृषि वानिकी के पौधे मेड पर
वन विभाग ने किसानों के जो पौधे बुक किए है वह कृषि वानिकी से है यानि पौधों को लेने के बाद खेतों के बीच में लगाया है और उन पेडों के बीच में खेती करना हेै यानि पर्यावरण को बरकरार रखना होगा । मगर पौधे तो कृषि वानिकी से बुक हुए है और सरकारी रिकार्ड में ही उन्हे मेड पर रोपने का दर्शाया गया है । जो नियमों के विपरित है, यही नहीं जिस किसान ने पौधे मांगे हेै पहले उनकी जमीन का सत्यापन करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया है और बाले बाले पौधों को लेकर बड़ा घोटाला किया जा रहा है।
किसान ने की बडी गडबडी
पौधों का घोटाला इस बात से भी उजागर होता है कि जिस परिवार ने 56 हजार पौधे बुक कराए है उसने सर्वे नम्बर 304/1 पर रामचन्द्र अग्रवाल और लक्ष्मीबाई अग्रवाल के नाम पर ही 10 हजार पौधे बुक कराए गए है। जो इस बात को साबित करते है कि हरियाली महोत्सव में बडा घोटाला होता है
2.50लाख पौधों का रखा है टारगेट
इंदौर जिले की पांचो तहसीलों में किसानों को दो लाख पचास हजार पौधों के रोपण के लिए वितरित किए जाने का लक्ष्य साल 2018 में रखा गया है। जबकि 55 किसानो के बीच ही 1,36,740 पौधे दे दिए है तो अन्य किसानों को कहा से पौधे दिए जाएगे।
घोटाला उजागर हुआ तो कार्रवाई
प्रशासन की देखरेख में पूरे जिले में पौधों का वितरण ओर रोपण होना है । सरकार की नीति के अनुसार सभी तहसीलों के किसानों को पौधे देना है,यदि किसी किसान ने या विभाग ने पौधा रोपण में कोई गडबडी की तो उस पर कार्रवार्इ्र की जाएगी।
*निशांत वरवडे कलेक्टर इंदौर*

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