*इंदौर:-बाबा यादव*
प्रदेश भर के सरकारी कार्यालयों में अस्थाई तौर पर निजी कंपनी के माध्यम से रखे गए कम्प्युटर आॅपरेटरों की जल्द ही छुटटी होने वाली है। सरकार ने मन बनाया है कि जिस एनपीकॉम संस्था को सरकारी विभागों में कम्प्युटराईज्ड कार्य करने के लिए ठेका दिया गया था उसे बंद किया जाना है। यदि ऐसा होता है तो सारा काम पूरी तरह से ठप्प हो जाएगा।
प्रदेश सरकार ने एनपीकॉम संस्था से अनुबंध करके प्रदेश भर के सरकारी कार्यालयों जैसे कलेक्टर कार्यालय पंचायत कार्यालयों और अन्य राजस्व प्राप्ती वाले कार्यालय थे वहां पर निजी कम्प्युटर आॅपरेटरों को नियुक्त कर सारे कामकाजों को निपटाया जा रहा था। हाल ही में भोपाल से इंदौर के खाद्य विभाग को जानकारी मिली है कि उनके कार्यालय में कार्यरत सभी कम्प्युटर आॅपरेटरों को कार्य से आगामी दिनों में बंद कर दिया जाएगा या उनकी छटनी कर दी जाएगी। अकेले खाद्य विभाग में 6 कम्प्युटर आॅपरेटर है जो सरकारी कामों के आॅनलाइन कामकाज देखते हेै।
खाद्य विभाग के अलावा अन्य सरकारी विभागों में भी ऐसे कम्प्युटर आॅपरेटर है जो आॅन लाइन कामकाज करते है। यदि ऐसा हुआ तो खाद्य विभाग सहित अन्य विभागों में लोगों की भीड बढ जाएगी और कार्य भी नहीं होगे। वर्तमान में तो करीब 50 प्रतिशत कार्य आॅन लाइन सिस्टम से यानी एनटीएंड कम्प्युटराइज्ड सिस्टम से किया जा रहा है। सरकारी अधिकारियों से जब इस मामले में चर्चा की गई तो उन्होने कहा कि हॉ ऐसा संदेश तो आया है मगर अभी किसी को बंद नहीं किया है। ऐसा माना जा रहा है कि आॅन लाइन सिस्टम पर कार्य करने वाले आॅपरेटरों की संख्या कम की जा सकती है।
कलेक्टर कार्यालय में महिलाओं की आॅन लाइन कार्य करवाने के लिए लगी भीड़
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