*इंदौर:-बाबा यादव* प्रदेश में सक्रिय हुए मानसून ने एक बार फिर धोखा दे दिया है। जो मानसून 13-15 जून को झमा-झम बारिश के रुप में दस्तक देना थी वह अब इस माह के तीसरे सप्ताह में बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। यदि ऐसा हुआ तो जो इस माह में 5-8 इंच बारिश होती थी वह नहीं हो पाएंगी।
मध्यप्रदेश में सक्रिय हुआ मानसून अब देरी से दस्तक देगा। इस मानसून का एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी बारिश नहीं हुई है। मौसम विभाग के अुनसार जून माह में औसतन 5 दिन बारिश होना चाहिए मगर अभी इसकी संभावना दूर दूर तक नजर नहीं आ रही है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में मानसून की दस्तक के लिए जो सिस्टम बंगाल की खाड़ी में बना था वह बांग्लादेश की ओर मुढ गया है। इस कारण प्रदेश में आने वाले मानसून की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। ऐसा माना जा रहा है कि यदि स्थानीय स्तर पर सिस्टम बनता है तो हल्की बारिश के आसार है।
मौसम केन्द्र भोपाल के पूर्व निदेशक डी पी दुबे के अनुसार बंगाल की खाडी में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है जिसके कारण जो सिस्टम उड़ीसा और छत्तीसगढ़ की ओर मुढ गया है। देश के दूसरे राज्यों में सिस्टम के परिर्वर्तित हो जाने के कारण अब नया सिस्टम सक्रिय होने के बाद पहले ग्वालियर -चंबल में मानसून की दस्तक होगी इसके बाद प्रदेश के अन्य भागों की ओर फैलेगा। वर्तमान में जो सिस्टम के आसार दिख रहे है उसके अनुसार इस माह के तीसरे सप्ताह में मानसून के आने की अब संभावना बनी है।
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