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प्रशासन ने एनजीटी के निर्देश पर हुए काम को संतोषजनक बताया

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*इंदौर:-बाबा यादव*
कान्ह-सरस्वती नदी की सफाई को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा दिए गए निर्देश के बाद इंदौर प्रशासन ने इस दिशा में लगातार काम किया है। प्रशासन ने हाल ही पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में नदी के 2 किलोमीटर हिस्से को हाथ में लिया था। इस प्रोजेक्ट के तहत किए जा रहे कार्यों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। लेकिन, कलेक्टर ने प्रशासन द्वारा कराए जा रहे कार्यो का लेखा-जोखा पेशकर बेहतर काम करने का दावा किया है। कान्ह-सरस्वती नदी के दो किलोमीटर के हिस्से में 30 लाख रुपए खर्च करने का रिकार्ड भी बताया है।
  प्रदूषित कान्ह-सरस्वती नदी को लेकर याचिकाकर्ता द्वारा लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं। इसके जरिए प्रशासन को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया गया था। काम नहीं होने पर सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी धरने पर बैठ जाते थे और अधिकारियों की कार्य करने की इच्छा शक्ति पर सवाल उठाते! इस बीच प्रशासन ने कलेक्टर निशांत वरवडे की और से कान्ह-सरस्वती नदी का एक लेखा-जोखा सार्वजनिक किया है। इसमें 2 किलोमीटर की नदी पर 30 लाख रुपए खर्च कर सार्थक परिणाम आने का दावा किया गया है।
  एनजीटी के आदेश के बाद प्रशासन ने कान्ह-सरस्वती नदी को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में बिजलपुर से तेजपुर गड़बड़ी तक 2 किलोमीटर के गहरीकरण का कार्य हाथ में लिया। इसमें कुल 15 लाख रुपए प्रति किलोमीटर मान से 30 लाख रुपए खर्च आया। यह कार्य 26 दिन में पूरा हुआ। साढ़े तीन हजार डम्पर खाद एवं मिट्टी निकाली गई। 2007 में एक रात में सवा इंच बारिश होने पर पूरे शहर में जगह-जगह पानी जमा हो गया था। इसमें चार मृत्यु हुई। वर्ष 2009 में एक रात में आधा इंच बारिश होने पर भी शहर के कई क्षेत्र जलमग्न हो कर आपदा स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इस वर्ष एक रात में पौने 3 इंच बारिश होने के बाद न तो आपदा की स्थिति बन पाई और न इतनी बारिश का असर पता चला।
  कलेक्टर निशांत बरवड़े ने बताया कि नदी सफाई के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट आई है। इसमें सफाई के पूर्व बीओडी की मात्रा नकारात्मक थी, अब सकारात्मक परिणाम आ चुके हैं। वर्षा के बाद कुछ लघु औद्योगिक इकाईयों की केमिकल वेस्ट आना बंद होने के बाद और सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। नए परिणाम मिलने के बाद कार्य को और गति दी जाएगी। इसके लिए एक अगस्त से नई कार्य योजना बनाकर 5 करोड़ की राशि खर्च कर 30 किलोमीटर क्षेत्र में सरस्वती, फतनखेड़ी और कान्ह नदी के गहरीकरण का काम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं। इसके तहत आजाद नगर से कृष्णपुरा तक कान्ह नदी, बिलावली से बद्रीबाग तक फतनखेड़ी नदी तथा बिजलपुर से रामबाग तक सरस्वती नदी का कार्य दिसंबर तक पूर्ण करने का लक्ष्य हैं। इस कार्य में जनसहयोग, नगर निगम एवं इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा खर्च वहन किया जाएंगा।

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