*प्रोफेसरों और लाइब्रेरियन का वेतन अटका, एक साल नियुक्ति के लिए अटकाया और अब चार माह से वेतन नही दिया*
*डेढ़ साल से कोई आय नहीं होने से 27 सौ असिस्टेंट प्रोफेसर हो रहे परेशान*
*इंदौर:-एस. यादव 9926010420*
उच्च शिक्षा विभाग के करीब ढाई हजार असिस्टेंट प्रोफेसरों, लाइब्रेरियन और क्रीड़ा अधिकारियों को बीते चार माह (दिसम्बर से अप्रेल) से वेतन नहीं मिला है। इन्हें दिसंबर में विभाग ने 15 माह इंतजार करवाने के बाद नियुक्तिया दी थी। जबकि इन्हीं के साथ नियुक्त हुए करीब सवा सौ असिस्टेंट प्रोफेसरों ने अपना वेतन लेना तक शुरू कर दिया है। वेतन नहीं मिलने पर असिस्टेंट प्रोफेसरों के संघ ने व प्रत्येक असिस्टेंट प्रोफेसरो ने अपने ईमेल से विभाग सहित मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जल्द से जल्द वेतन दिए जाने
की मांग भी की है। वेतन नहीं मिलने की वजह ये भी बताई जा रही है कि कई कॉलेजों द्वारा आधी अधूरी जानकारी भेजी जाना भी मुख्य वजह सामने आ रही है। उच्च शिक्षा विभाग ने लोक सेवा आयोग (mppsc) से चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर, ग्रंथपाल और खेल अधिकारियों को बीते वर्ष के दिसंबर माह में नियुक्ति दी थी, जिन्हें आज तक किसी भी प्रकार का वेतन नहीं दिया गया है। चार माह से वेतन नहीं मिलने व कोविड-19 जैसी महामारी के चलते इन पर आर्थिक संकट गहराता जा रहा
है। जबकि वित्त विभाग सभी असिस्टेंट प्रोफेसर, लाइब्रेरियन और खेल अधिकारियों का वेतन सम्बन्धित वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली के माध्यम से ऑनलाइन उनके बैंकखाते में भेजता है।
*_पहले हमलोगों का चयन होने के बावजूद नियुक्ति देने में विभाग ने एक साल लगा दिया। अब नियुक्ति होने के बावजूद चार महीने से वेतन नहीं मिला है। इस तरह हम डेढ़ साल से कोईआय नहीं होने से बहुत परेशान हैं। मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जल्द से जल्द वेतन जारी करने की मांग की गई है।_*
*डॉ. प्रकाश खातरकर, अध्यक्ष सहायक प्राध्यापक संघ*