*महिला ने लौटाया पैसोंं से भरा पर्स, ईमानदारी की मिसाल की कायम ऐसे ही ईमानदार इंदौर नही कहलाता*
*इंदौर:-बाबा:-9926010420*
पैसों के लिए लोगों को ठगने के किस्से तो हर दिन सुनने को मिलते है लेकिन कुछ बिरले ही होते है जो पैसो की चमक को नदर अंंदाज करते है।
घरेलू महिला ने लौटाया पैसोंं से भरा पर्स इंदौर पैसों के लिए लोगों को ठगने के किस्से तो हर दिन सुनने को मिलते है लेकिन कुछ बिरले ही होते है जो पैसो की चमक को दरकिनार कर ईमानदारी की मिसाल पेश करते है।त्रिवेणी कॉलोनी छः बंगला निवासी शुसिला मोहनलाल चौधरी को सुबह मन्दिर से लौटते समय रोड़ पर पड़ा हुआ पर्स मिला। श्रीमति चौधरी ने बताया सोमवार सुबह घर पर लौटते समय रास्ते मे कुछ दिखा पहले तो लॉकडाउन के चलते सन्देह वश उठाया नही लेकिन फिर पास जा कर देखा तो किसी का पर्स लगा उठा कर देखा तो उसमें 10125 रुपये व कुछ खुल्ले पैसे व गाड़ी का रजिस्ट्रेशन व अन्य दस्तावेज मीले जिस पर मूसाखेड़ी का पता मिला लेकिन कोई नम्बर नही होने से श्रीमती चौधरी अपनी बेटी पूर्वा को ले कर आज डीआईजी साहब को पर्स लौटाने उनके ऑफिस गए लेकिन वे नही मिल पाए जिस पर पुरवा ने एसपी से मिल कर पेसो व दस्तावेज से भरा पर्स उनके सुपरुद कर दिया जिस पर ईमानदारी की मिसाल कायम करने वाली बेटी को एसपी साहब ने धन्यवाद दिया व कहा कि कोरोना महामारी के इस काल में जब हर व्यक्ति को राशन पैसो की जरूरत है ऐसे में पर्स लौटना वाकई तारिपे काबिल है एसपी साहब ने अस्वासन देते हुए कहा कि ये पर्स उक्त व्यक्ति तक पँहुचा दिया जाएगा व डीआईजी साहब को भी इससे अवगत कर दिया जाएगा।
श्री मति चौधरी ने स्वयं आगे बढ़कर कहा कि मैं इस महामारी में किसी का निवाला नही छीन सकती हमेसा ईमानदारी से अपना व परिवार का पालन पोषण किया है । और इस महामारी में किसी की मदद उसका सामान लोटा कर जो खुसी मिल रही है वह लाखो रुपये से बढ़ कर है। इसके साथ ही उन्होंने पर्स भी लौटा दिया। पर्स में 10 हजार रुपए नगद व सभी जरूरी दवाएं जैसे रखी थी मिल गई। पर्स मिलने पर श्रीमति चौधरी ने पुलिस को इसे लोटा कर इमानदारी का परिचय देते हुए माँ अहिल्या की नगरी का एक बार फिर मान बड़ा दिया।