डीएनयु टाईम्स (बाबा यादव , इंदौर)
विधि मंत्री पीसी शर्मा ने एसटीएफ को लिखा जाँच सम्बंधित पत्र किया निरस्त – कहा सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 विधिसम्मत
मंत्री जीतू पटवारी को भी झूठ साबित करने में लगे शागिर्द पर नही डिगे शिक्षा मंत्री जल्द जारी होंगे नियुक्ति पत्र
भोपाल
विधि मंत्री पी.सी. शर्मा ने सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 की जाँच सम्बंधित पत्र क्र. 8746 दो दिन पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक स्पेशल टास्क फोर्स भोपाल को लिखा था। जिसका पीएससी चयनित सहायक प्राध्यापक संघ ने कडा विरोध किया और विधि मंत्री के निवास पर एकत्रित होकर स्पस्टीकरण मांगा। संघ का आरोप था की
विधि मंत्री दवारा लिखे जांच पत्र को देखने पर प्रतीत होता है की पत्र क्र. 8746 पर मंत्री जी द्वारा 14 फरवरी को हस्ताक्षर किये है तथा छह माह बाद 16 अगस्त 2019 को उनके आफिस से जावक हुआ है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष, डॉ. प्रकाश खातरकर ने कहा की मंत्री पी.सी. शर्मा विधि मंत्री है। उनके ऑफिस से पत्र का 6 माह विलम्ब से जावक होना संदिग्ध लगता है क्योकि 9 जून को पीएससी चयनित सहायक प्राध्यापक संघ के प्रदेशव्यापी सत्याग्रह, शहाजहानी पार्क भोपाल में 2536 चयनितो के समक्ष विधि मंत्री पी.सी. शर्मा ने इस भर्ती परीक्षा को सही माना था एवं कहा था शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी द्वारा कार्ययोजना तैयार कर ली गई है और चयनित सहायक प्राध्यापकों के साथ न्याय का आश्वाशन दिया था जिसे सभी अखबारों ने प्रमुखता से छापा है। डॉ. खातरकर ने मंत्री जी को याद दिलाया की 18 अगस्त को अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन में
मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री जी की उपस्थिति में जल्दी निक्ति का समर्थन किया है तो दो दिन बाद ही आपके द्वारा लिखा पत्र संदेहपूर्ण लग रहा है। ऐसे प्रतीत हो रहा है की इस पत्र के पीछे किसी अचयनित अतिथि विदवान की साजिश हो सकती है। अगर
ऐसे है तो संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लेटरपेड का दुरूपयोग हआ है जिसकी एसटीएफ से जांच की मांग की । इस सम्बन्ध में संघ के संभाग अध्यक्ष डॉ आजाद अहमद मंसूरी का कहना है कि अतिथि विदवान 2014 से इस भर्ती परीक्षा में अवरोध उत्पन्न कर बेबुनियाद आरोप लगा रहे है जिससे चयनितो का भविष्य दाव पर लगा है। मंत्री जी से चर्चा उपरांत भोपाल संभाग इकाई की सभा हुई जिसमे कोशाध्यक्ष डॉ
धीरेन्द्र पटेल, मिडिया प्रभारी नीरज मालवीय, राजेश गड्पाल, प्रवक्ता एमएल चौहान, रितेश सिंगारे, संजय बाणकर, अशलम खान, वंदना जाट, अर्चना सिंह,
भावना भट्ट, चंद्रकांता, मनीष चौरे, अरविन्द देशमख, कलराम, संतोष नारायण, अनिल अहिरवार, नीतू याना, रजनीश चौरसिया, जयपाल विश्वकर्मा, अम्बिका सिंह, अनीता बंसल, देवश्री वाघमार कमलेश चौरसिया , मनोज घोरसे मनोज उघडे मुकेशजी, नीतू वर्मा, प्रणय ठाकुर, पुरुषोत्तम भावरे, चंद्राभान मकोड़े, आर के गौड़, प्रियंका चौहान, बबिता राठोर, लालसिंह बंजारा, रिशिकांत, अर्पण बादल , कल्पना भारद्वार पुष्पेन्द्र त्रिपाठी, नितिन बाटव, अर्चना सिंह सुनील मरावी आदि उपस्तिथ थे। मंत्री पी सी शर्मा जी ने पूर्व में लिखे पत्र को फर्जी मानकर उसे निरस्त किया तथा तुरंत अतिरिक्त महानिदेशक, स्पेशल टास्क फोर्स, भोपाल को पत्र लिखकर अवगत कराया और
फर्जी पत्र लिखवाने वाले सम्बंधित पर कार्यवाही का आश्वाशन दिया है। ज्ञात हो की कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 27 वर्षों के लम्बे अन्तराल के बाद 3422 सहायक प्राध्यापक के पदों के लिए भर्ती आयोजित की गई, जिसमे जुलाई-अगस्त 2018 में 2536 अभ्यर्थियों का पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता से चयन हो गया है तथा सत्यापन का कार्य भी सितम्बर 2018 में संपन्न हो गया था। विधान सभा एवं लोकसभा
की आचार संहिता एवं उचाशिक्षा विभाग द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में समय पर जवाबदावा प्रस्तुत नही करने के कारण से हमारी नियुक्ति में विलंभ हो रहा था । दिनांक 17 जून 2019 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने MPPSC सहायक प्राध्यापक
परीक्षा 2017 परिणाम की संशोधित सूची 15 दिन में जारी कर नियुक्ति आदेश जारी
करने का निर्णय दिया है। पीएससी द्वारा संशोधित सूचि जारी कर माननीय न्यायायलय
में केवियत लगाई है , ताकि निर्बाद नियुक्ति हो सके परंतु अभी तक नियुक्ति आदेश जारी
नही हो पाए है। इस परीक्षा में लगभग 60% बेकलाग के पद थे । मध्यप्रदेश के अनुसूचित
जाति के 535, अनुसूचित जनजाति 439 अन्य पिछड़ावर्ग 863 का चयन हुआ तथा चयनित अभार्थियो में से 2271 (89.44%) मध्यप्रदेश के मूल निवासी है जो प्रदेश के
लिए गौरव का विषय है । लेकिन नियुक्ति नहीं हो पाने से चयनितो में रोष है।
संलग्न
1) मंत्री जी का STF को लिखा पूर्व पत्र
2) विधि मंत्री द्वारा निरस्तिकरन पत्र
जैसा कि डॉ प्रकाश खातरकर
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया 9826665771