डीएनयु टाईम्स (दीपक सेन, देपालपुर)
सरकारी अस्पताल हुवा अपेक्षा का शिकार। लॉक डाउन की उड़ाई जा रही धज्जियां। नही मिलता पीने का पानी।
अस्पताल से कही बीमारी न साथ आ जाये।
देपालपुर -सरकार लाख दावे कर ले की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाएंगे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। शासन तो लगा हुआ है लेकिन अधिकारी उसे मूर्त रूप नही लेने देते।लॉक डाउन के चलते जहा पूरा प्रशासन लगा हुआ है वही स्वास्थ विभाग देपालपुर में उसकी धज्जियां उड़ा रही है। न सोसल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है नही महिलाये मास्क लगा रही है वही महिलाओ के हाथ भी सेनेटराइस नही करवाये जा रहे है। इसका ताजा उदाहरण इंदौर जिले के देपालपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखा जा सकता है लॉक डाउन में जहां स्थानीय प्रशासन रुचि दिखा रहा है वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की अनदेखी का शिकार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देपालपुर हो रहा है। ना तो मरीजों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था है, ना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है। गर्भवती माता बहने या टीका लगवाने आ रही माता बहने 42 डिग्री तापमान में धूप में खड़ा होना पड़ रहा है। जानकारी मिलते ही भाजपा नेता चिन्टु वर्मा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देपालपुर पहुंचकर उन्होंने बिगड़े हालातों की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को कोरोना महामारी के चलते मुख्यालय पर रहना चाहिए इसके बावजूद भी आज अनुपस्थित पाई गई है। उन्होंने तत्काल सीएचएमओ प्रवीण जड़िया व तहसीलदार बजरंग बहादुर सिंह को यहां के हालातों से अवगत करवाया जिसके चलते तहसीलदार स्वास्थ्य केंद्र पहुचे व वहां की हालत देखते हुवे कहा कि देपालपुर नगर पर ईश्वर का आशीर्वाद है कि यह बचा हुआ है व जिस प्रकार अस्पताल में हालात ऐसी है तो कोरोना जैसी बीमारी से कैसे बचा जा सकता है। वही उन्होंने कई महिला व पुरषो को हड़काया भी जिसने मुँह पर मास्क नही लगाया था। अस्पताल में पीने के पानी की व्यवस्था नही होने पर उन्होंने तुरंत मरीजों की पानी की व्यवस्था के लिए उन्होंने नगर परिषद सीएमओ चन्द्रशेखर सोनिस को फोन कर टैंकर की व्यवस्था करवाई। अधिकारियों को भाजपा संगठन के बतौर निर्देशित किया कि यहां की व्यवस्था ठीक करें। श्री वर्मा ने कोरोना वायरस के चलते कहा कि हम डॉक्टरों व स्टाफ का सम्मान करते है लेकिन जिस पर दारोमदार हो वही लापरवाही हो तो कैसे इस बीमारी से यहां लड़ा जा सकता है। बच्चो को साप्ताहिक टीकाकरण के लिए बुलाया जाता है तो काफी भीड़ लगती है उसकी जगह रोज टीकाकरण हो या फिर प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र या वार्डवार आंगनवाड़ीयो में इंजेक्शन लगना शुरू कर दे तो भीड़ से बचा जा सकता है।
इनका कहना – सीएचएमओ ने कहा कि आपके द्वारा भेजी गई जानकारी मुझे मिल गई अब वहां के अस्पताल में सभी व्यवस्था होगी। बुधवार से बदलाव हो जाएगा। प्रवीण जरिया जिला चिकित्सा अधिकारी इंदौर
देपालपुर से दिपक सेन की रिपोर्ट