डीएनयु टाईम्स (अंकुर जयसवाल, इंदौर)
प्रशासन ने आँख मूँद कर मार्च से लागू हुए, लॉकडाउन के बाद से दुकानो-गोदामों में पड़े सॉफ्ट ड्रिंक पैक बोतलों को भी बेचने की अनुमति दे दी हैं। कई ट्रांसपोर्टो पर भी हज़ारों कार्टून साफ्ट ड्रिंक के रखे हुए हैं। इन्हें भी ठिकाने लगाने की हो रही हैं जुगाड़। जानकारी के मुताबिक़ यह माल उपभोग लायक़ नहीं बचा हैं। सियागंज के 33 दुकानदारों को माल बेचने की परमिशन दी है। वह पूरी तरह ग़लत निर्णय हैं।
ब्रांडेड कंपनियों का डुप्लीकेट जहर बिकेगा
प्रशासन ने 13, 14, 15 मई को सियागंज होलसेल मार्केट के दुकानदारों को माल बेचने की परमिशन दी है। प्रशासन ने एक बार भी नहीं सोचा कि यह सारे दुकानदार खाने-पीने का सामान बेचते हैं। मार्च से हुई तालाबंदी को क़रीब 50 दिन हो गए हैं। उसके पहले से बना इनके पास जितना भी गोदामों में खाने और पीने का सामान रखा हुआ है वह सब लगभग खराब हो चुका होगा। यह दुकानदार ब्रांडेड कंपनियों का डुप्लीकेट सॉफ्ट ड्रिंक और कोल्ड ड्रिंक है जो कि अब जहर बन चुका होगा। इनके उपभोग की एक समय सीमा 60 से 90 दिन की होती हैं।
ट्रांसपोर्ट के रास्ते ठिकाने लगाने की जुगत
ये जहर सियागंज की दुकानों पर सैंपल के तौर पर रखा जाता है। इन सब के गोडाउनओं में करोड़ों रुपए का माल भरा पड़ा हैं। अब सारे ट्रांसपोर्ट जो कि इंदौर से महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश और एमपी के सारे एरिया छोटे एरिया गांव में जहां अभी करोना नहीं पहुंचा वहां पर एक नए कोरोना बीमारी जैसी महामारी पहुंचाने की तैयारी है। प्रशासन को तत्काल फूड अफसरों को इन सारी दुकानों, गोदामों और ट्रांसपोर्ट पर भेजना चाहिए। सैंपल लेकर जाँच रिपोर्ट आने के बाद ही माल बेचने की अनुमति देना चाहिए। वरना अगर यह माल जनता तक पहुँच गया तो आप समझ सकते हैं की क्या हालात होने वाले हैं।