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सोशल मीडिया पर अपनी पत्नी को अन्य लड़की समझ चैटिंग कर फ्लर्ट कर,बड़ा-चढ़ाकर स्टेटस सैलरी बताते हुए इम्प्रैशन जमाना पति को भारी पड़ा….

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*इंदौर:-बाबा*
पति से सोशल मीडिया पर काल्पनिक लड़की बन की गई चैटिंग के दौरान पति की मीडिया स्टेटस सैलरी की जानकारी को भरण पोषण केस में प्राथमिक स्तर पर विचार में लेते हुए स्टेटस सैलरी को प्रतिमाह की सैलरी मानते हुए पीड़िता को भरण पोषण दिलाया जा सकता हैं…
बकपूर्वक जबरदस्ती किये गए  शादी के  स्थिति में शादी को कैंसल करने के लिए कोई कोर्ट कारवाही किया जाना आवयश्क अन्यथा युगल के फोटोग्राफ को देख कर विवाह को प्रमाणित माना  जा सकता हैं…
पीड़िता पत्नी प्रिया कश्यप (परिवर्तित नाम) का विवाह फरबरी 2017 में छत्तीसगढ़ के रहने वाले अनन्त कुमार सेठिया से हुआ था…..शादी के कुछ दिनों बाद पति और ससुराल जनो द्वारा पीड़िता को दहेज में 5 लाख रुपए की मांग को लेकर परेशान करना शुरू कर दिया और पति द्वारा मरपीटी कर, दहेज नही देने पर तलाक देने के लिए दबाव डाला जाने लगा…दहेज में रुपयो की मांग पूरी नही करने पर पति ने पत्नी से मरपीटी कर पत्नी को छोड़ दिया,जिस पर पीड़िता ने पुलिस में रिपोर्ट कर दहेज प्रताड़ना के एफ. आई.आर.दर्ज करवा दी थी…और ससुरालजनों के विरुद्ध भी जिला कोर्ट इंदौर में भी घरेलू हिंसा का केस दर्ज करवाया था…
पति द्वारा पत्नी के साथ कि गयी मारपिटाई और पत्नी को छोड़कर पत्नी की पूछ,परख,देख रेख,भरण पोषण नही करने को लेकर पीड़िता ने कुटुम्ब न्यायालय इंदौर की शरण लेकर पति के विरुद्ध अपने अधीवक्तागण कृष्ण कुमार कुन्हारे एवं काशु महंत के माध्यम से भरण पोषण का केस दर्ज करवाया था..
जहा पर सुनवाई के दौरान पति द्वारा यह दावा किया गया कि उसकी शादी बलपूर्वक जबरदस्ती पीड़िता से करवाई गई हैं और वह कुछ कमाता भी नही हैं..
जिस पर कुटुम्ब न्यायालय इंदौर की प्रथम अतिरिक्त प्रधान न्यायधीश महोदय श्रीमान सुरभी मिश्राजी ने पति के शादी के फोटोग्राफ को देखते हुए शादी को प्रामाणित माना और
पति के शादी के जबरदस्ती करवाये जाने के दावे को यह कहते हुए की  बलपूर्वक करवाये गए विवाह की स्थिति में शादी को कैंसल करवाने को लेकर पति ने कोई कोर्ट कारवाही नही करी हैं उपरोक्त टिपणी के साथ पति के बलपूर्वक शादी करवाने के दावे को खारिज कर दिया…
भरण पोषण केस में ही पीड़िता पत्नी द्वारा एक काल्पनिक लड़की बन सोशल मीडिया फेसबुक,इंस्टाग्राम पर अन्य लड़की के रूप में  पति से की गई चैटिंग,चैटिंग में पति द्वारा पीड़ित को अन्य लड़की समझ इम्प्रैशन जमाने के लिए सोशल मीडिया पर बढ़ाचढ़ाकर बतायी गयी स्टेटस सैलरी,फ्लर्ट आदि हरकत की चैटिंग हिस्ट्री मय फोटोग्राफ प्रमाण कोर्ट में पेश करने पर पति के होश उड़ गए और पति उक्त सबूतों के खंडन तक करने हिम्मत तक नही कर सका…
जिस पर कोर्ट ने पति के द्वारा सोशल मीडिया पर स्टेटस स्वरूप पोस्ट की गई सैलरी को भरण पोषण के केस में सोशल मीडिया से लिये गए दस्तावेज,फोटिग्राफ को अंतरिम प्रक्रम पर विचार में लिए जाने का अभिमत देते हुए, पति की सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई 28 हजार रुपए की सैलरी को सही मानते हुए पति से प्रति माह पीड़ित पत्नी को 5 हजार रुपए दिलाये जाने के आदेश प्रदान किये और पति के सोशल मीडिया पर पोस्ट की गयी जितनी  सैलरी नही कमाने के दावे को खारिज कर दिया…

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