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हनीट्रैप मामले में कॉंग्रेस का खुलासा पूर्व मुख्यमंत्री को पद से हटाने के लिये किया था हनीट्रैप का इस्तेमाल देखिये वीडियो

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 बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में कॉंग्रेस का बड़ा खुलासा

“भाजपा सरकार में तत्कालीन स्वर्गीय मुख्यमंत्री बाबूलाल ग़ौर को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए हनी ट्रैप सरगना का इस्तेमाल किया गया था”

म.प्र.कॉंग्रेस कमेटी के प्रदेशसचिव राकेश सिंह यादव ने बड़ा ख़ुलासा करते हुए भाजपा का काला चेहरा उजागर किया हैं।जिसमें भाजपा के नेताओं ने सत्ता प्राप्त करने के लिए सबसे पेहले अपने ही मुख्यमंत्री बाबूलाल ग़ौर को हनी ट्रैप का शिकार बनाकर एक क़द्दावर भाजपा नेता ने शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनवाया था।ये आरोप सिद्ध होता हैं क्योंकि 23 अगस्त 2004 को बाबूलाल ग़ौर जी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी तथा 29 नवम्बर 2005 में ठीक एक साल 98 दिन बाद मुख्यमंत्री पद से बिना किसी कारण के हटाया गया।ये आज तक जनता सोचती हैं की बाबूलाल ग़ौर को क्यों मुख्यमंत्री पद से हटाया गया एंव विधानसभा चुनाव हारे हुए शिवराज सिंह चौहान को क्यों मुख्यमंत्री बनाया गया।इसका जवाब आज मिल रहा हैं की हनी ट्रैप के शिकंजे ने बाबूलाल ग़ौर की बलि चढ़ा दी गई।ये भाजपा का वो काला चेहरा हैं जो म.प्र. की जनता के समक्ष रोज़ना आ रहा हैं।ये भी संभव हैं की बाबूलाल ग़ौर को लगातार हनी ट्रैप में ब्लैकमेल किया जाता रहने की वजह से तनाव में ब्रेन हेमरेज से उनकी मृत्यु हो गई हो।इस बात की जॉंच भी एसटीएफ़ को करना चाहिए।
इस सारे षड्यंत्र को अंजाम दिया भाजपा के एक मज़बूत नेता ने।
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के बनने के बाद सबसे पेहले हनी ट्रैप की मुखिया भाजपा नेत्री को जुनाइल जस्टिस बोर्ड(किशोर न्याय बोर्ड) का शासकीय सदस्य बनाकर उपकृत किया जिसका सबूत श्वेता जैन की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल में आज भी मौजुद हैं।ये सबूत सिद्ध करते हैं की शिवराज सिंह चौहान एंव इनके मंत्री हनी ट्रैप के संरक्षणदाता के साथ हनी ट्रैप योजना के कार्ताधर्ता हैं।

भाजपा की नेत्री सम्मानीय श्वेता जैन को 2006 से 2014 तक किशोर न्याय बोर्ड का शासकीय मेम्बर बनाया गया।ये बोर्ड राज्य शासन की अधिनियम धारा 4 के अनुसार किया जाता हैं।इस बोर्ड गठन में चयन समिति में जिला सत्र न्यायाधीश एंव जिला कलेक्टर एंव जिला पुलिस अधीक्षक रहते हैं ये नाम राज्य शासन को अनुशंसा करके देते हैं फिर राज्य शासन नियुक्त करता हैं।
विशेष योग्यता रखने वाले ही इस बोर्ड के सदस्य रहते हैं अब श्वेता जैन में क्या योग्यता थी ये पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज जी। बेहतर बता सकते हैं इसमें तीन साल का कार्यकाल रहता हैं।दो बार से ज़्यादा नही रह सकते बोर्ड मेम्बर ये नियम हैं।लेकिन संभावना हैं की 8 साल से लगातार किशोर न्याय बोर्ड मेम्बर रहना भी शिवराज सरकार की मेहरबानी हैं।ये नियुक्ति राज्य शासन करता हैं।श्वेता जैन की भाजपा के अनेक नेताओं ,मंत्री,सांसदों ने अनुशंसा की थी बोर्ड सदस्य बनाने के लिए ।इससे स्पष्ट होता हैं की शिवराज ने हनी ट्रैप को उघोग का दर्जा देकर भाजपा नेत्री श्वेता जैन को पूर्ण संरक्षण दिया हैं।
भाजपा के मंत्री,मुख्यमंत्रीयो के काले चेहरे उजागर हो गये हैं।म.प्र. की जनता के सामने शिवराज सिंह चौहान का कड़वा सच उजागर हो गया हैं।भाजपा को म.प्र. की जनता को माफ़ी मॉगना चाहिए।इस सारे मामले की जानकारी एसटीएफ़ प्रमुख को भी दी जाएगी।जिससे सफ़ेदपोश भाजपा के नेताओं के काले चेहरे जनता के समक्ष आ सके।ये जानकारी समस्त सबूतों सहित जारी की गई हैं।जिसमें श्वेता जैन का किशोर न्याय बोर्ड का मेम्बर होने का सबूत भी हैं।

सादरप्रकाशनार्थ

राकेश सिंह यादव
प्रदेशसचिव
म.प्र.कॉंग्रेस कमेटी
भोपाल

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