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अब हर महीने जमा कराना होगा मोटरयान कर, नहीं तो होगी वैधानिक कार्यवाही

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डीएनयु टाईम्स (धर्मेंद्र सोनी, इंदौर)

इंदौर 19 दिसम्बर,2019

                इंदौर जिले में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा यात्री वाहनों के मोटरयान कर जमा करने तथा परमिट निरस्त किये जाने के संबंध में निर्देश जारी किये गये है। इस संबंध में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा सभी यात्री बस के अनुज्ञापत्रधारियों को निर्देश दिये गये है कि वे अपने वाहनों का प्रति माह नियमित मोटरयान कर जमा करे। मोटरयान कर जमा नहीं करने वालों के विरूद्ध अनुज्ञापत्र निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी।

                क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार  यात्री बस स्थाई अनुज्ञापत्रधारी बस ऑपरेटरों से कहा गया है कि वे अपना बकाया कर शीघ्र जमा करे। बताया गया है कि प्रत्येक परिवहन प्राधिकारी उसके कार्यालय में मोटरयान कर अदा करने वाले ऐसे वाहनों जिनके द्वारा माह की 10 तारीख तक मोटरयान कर संदाय नहीं किया गया है, कि सूची प्रत्येक माह की 11 तारीख को  स्मार्ट चिप शाखा से प्राप्त करेंगे। वे 15 तारीख तक वाहन स्वामी को मोटरयान कर जमा करने हेतु नोटिस जारी करेंगे। नोटिस में वाहन स्वामी को यह स्पष्ट निर्देश देंगे की  बकाया मोटरयान कर की राशि दिनांक 23 तारीख तक जमा की जाए। दिनांक 23 तारीख तक की समयावधि में मोटरयान कर जमा नहीं करने पर बकायादार वाहन स्वामी को धारा 86 के अंतर्गत कर बकाया होने के कारण दिनांक 25 को प्रकरणों की सुनवाई हेतु ऐजेण्डे का प्रकाशन किया जाकर आगामी माह के प्रथम सप्ताह में सुनवाई का एजेण्डा बनाया जाकर नोटिस बोर्ड एवं परिवहन विभाग की वेबसाईट पर अपलोड किया जायेगा।

                 आगामी माह के प्रथम बुधवार को (अवकाश होने पर आगामी दिनांक को) (संबंधित क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार) सुनवाई करेंगे। एक से अधिक संभागों का प्रभार वाले संभागीय उप परिवहन आयुक्त दूसरे तीसरे एवं चौथे बुधवार को धारा 86 के प्रकरणों की सुनवाई करेंगे। सुनवाई के 15 दिवस के अन्दर प्रकरणों का निराकरण कर निरस्त किये गये परमिट के मार्ग एवं समयचक्र की सूची तैयार कर नये आवेदकों को आहूत करने हेतु नोटिस बोर्ड के साथ ही साथ कम्प्युटर पर प्रकाशित करेंगे। जिन वाहन स्वामियों पर मोटरयान कर की राशि बकाया है, और उनके परिवार के सदस्यों के नाम से पंजीकृत किसी वाहन को संबंधित कार्यालय से अनुज्ञा पत्र जारी किया गया है, को उस अनुज्ञा पत्र को भी निरस्त करने की कार्यवाही उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा याचिका क्रमांक 2179/2014 में पारित निर्णय के प्रकाश में की जायेगी। निरस्त किए गये परमिट के विरूद्ध बकाया मोटरयान कर का स्वामी दूसरे व्यक्ति (नौकर अथवा ड्रायवर के नाम से) उसी समयचक्र पर नवीन आवेदन लगाता है की इस प्रेक्टिस को रोकने के लिये नवीन आवेदक से  क्या वाहन स्वामी के पास यात्री वाहन है? यदि हां तो वाहन नंबर मय अनुज्ञा पत्र के जानकारी ली जावे। यदि नहीं तो उसकी आर्थिक स्थिती सुदृढ़ है, इसका प्रमाण संलग्न करें। तथा पेनकार्ड नंबर, इनकम टेक्स भरने का विगत् तीन वर्ष का प्रमाण, स्थाई संपत्ति यदि हो तो उसकी जानकारी भी ली जावें। (ख) आवेदक पूर्व वाहन स्वामी का पारिवारिक सदस्य या रिश्तेदार तो नहीं है इस संबंध में शपथ पत्र लिया जायेगा एवं भलीभांति जांच की जायेगी।  आवेदकों में से मोटरयान अधिनियम व उसके अधीन निर्मित नियमों के तहत सम्पूर्ण रूप से उपयुक्त आवेदक को अनुज्ञा पत्र स्वीकृत किया जायेंगे। बकाया मोटरयान कर वसूल करने के लिए पूर्व बकायादार की वाहन तथा उसके परिवार के अन्य सदस्यों के वाहनों के विरुद्ध भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। उपरोक्त समस्त कार्यवाही में 45 से 60 दिवस का समय व्यतीत होने के मान से वित्तीय वर्ष 2019-20 की समाप्ति में बचे हुए शेष समय में इस कार्यवाही के दो चक्र सरलता से पूर्ण किया जाना संभव है।  उक्त निर्देशों के क्रम में समस्त यात्री बस स्थाई अनुज्ञापत्रधारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने वाहनों का प्रतिमाह नियमित मोटरयान कर जमा करना सुनिश्चित करें अन्यथा मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 86 के अंतर्गत अनुज्ञापत्र निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी ।

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