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अभी तक भटक ही रहे हैं, ग्रीनलैंड  शेल्टर कॉलोनी के 251 प्लॉट धारक

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*इंदौर:-बाबा यादव*
महू के निकट ग्रीनलैंड शेल्टर प्राइवेट लिमिटेड कॉलोनी के प्लॉट धारकों ने कलेक्टर से भूखंड का स्वामित्व दिलाने की मांग की है। ये कॉलोनी डायरेक्टर अरविंद बंजारी ने बनाई थी, जो शिव नगर (तहसील महू) में स्थित है। प्लॉट धारकों ने प्लॉट की रजिस्ट्री करवाकर उसका स्वामित्व दिलवाने की मांग की है। बंजारी अब दोबारा कॉलोनी के उन 63 प्लॉटों को बेचने की कोशिश में है, जो प्रशासन के पास बंधक के रूप में रखे हैं। बताते है कि कुछ प्लॉटों की बिक्री अनुबंध के माध्यम से की भी जा चुकी है।
  कलेक्टर को की गई शिकायत में लिखा है कि तत्कालीन कलेक्टर के आदेश का पालन करते हुए महू के एसडीएम ने अपने आदेश से 25 मई 2017 को महू तहसील कार्यालय पर उक्त कॉलोनी के प्लॉट संख्या 1 से 251 तक दावेदारों की एक सूची बुलाई। सभी को विश्वास दिलाया गया था कि उक्त कॉलोनी के सभी 251 प्लॉटधारकों को रजिस्ट्री के माध्यम से भूखण्ड का स्वामित्व दिलाया जाएगा। लेकिन, अभी तक प्लॉट नहीं दिए गए। एसडीएम महादेव प्रतुल सिन्हा एक नोडल अधिकारी के रूप में उक्त कॉलोनी की समस्याओं के निराकरण के लिए नियुक्त है। उन्होंने बताया कि विज्ञप्ति के माध्यम से दावेदारों को एकत्र कर सूची बनाई जाएगी। नोडल अधिकारी ने जानकारी दी कि कलेक्टर इंदौर को विज्ञप्ति प्रकाशित करवाने बाबत कई बार पत्र लिखे। लेकिन, अस्वीकृत होकर फ़ाइल इंदौर कार्यालय से महू कार्यालय वापस आ गई है।
  इस पत्र के माध्यम से हम सभी सदस्यगण प्लॉट के दावेदार कलेक्टर को अवगत कराना चाहते है कि कॉलोनी में कुल प्लॉट की संख्या 251 है और नोडल अधिकारी महोदय के हस्ताक्षर से जो विज्ञप्ति अखबार में निकलवाई गयी उसका ख़र्चा  कुल 60- 65 सदस्यों ने ही अपने निजी खर्च से सहयोग देकर दो बार की विज्ञप्ति समाचार पत्रों में खुद के व्यय से छपवाई गयी इसमें लगभग 1.5 लाख का ख़र्चा आया। नोडल अधिकारी महोदय तहसील महू की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया, इसमें लगभग 10 से 12 सदस्य शामिल है। प्रतुल सिन्हा ने कमेटी के सदस्यों के साथ पूरा सहयोग किया, साथ ही भरोसा दिलाया गया कि सभी पीड़ित दावेदारों को उनके प्लॉट का हक दिलवाया जाए। उन्होंने कई बार कमेटी के सदस्यों के साथ महू तहसील कार्यालय में मीटिंग की। लेकिन, अन्य विभागों एवं प्रशासन से  अपेक्षाकृत सहयोग न मिल पाने के कारण कॉलोनी के सदस्यों को अभी तक प्लॉटों का आवंटन नही हो पा रहा है।
    कलेक्टर की जानकारी में यह भी लाना अत्यंत आवश्यक है कि ग्रीनलैण्ड शेल्टर के डायरेक्टर अरविंद बंजारी अब दोबारा कॉलोनी में 63 प्लॉट प्रशासन के पास बंधक के रूप में रखे है, उनमें से कुछ प्लॉटों की बिक्री रजिस्ट्री एवं अनुबंध के माध्यम से की जा चुकी है। नोडल अधिकारी ने कई बार इंदौर रजिस्ट्रार को पत्र लिखे, जिसमें उन्होंने उक्त कॉलोनी में हुई प्लॉटों की रजिस्ट्री की जानकारी और सूची माँगी, लेकिन अभी तक रजिस्ट्रार कार्यालय इंदौर से किसी भी प्रकार की कोई जानकारी महू तहसील कार्यालय को नही भेजी गई। कॉलोनी में लगभग 30- 40 प्लॉटों की रजिस्ट्री हो चुकी हैं। रजिस्ट्री में यह भी लिखा है कि कॉलोनी का विकास कार्य पूरा हो चुका है। नोडल अधिकारी का कहना है कि वे बिना विकास कार्य के न तो कॉलोनी का व प्लॉटों का सीमांकन कराएँगे और न भूखण्डों का आवंटन कर रजिस्ट्री कराएँगे। समिति के सदस्यों द्वारा कॉलोनी का मौके पर मुआयना *किया, तब पता चला कि कॉलोनी में विकास कार्य हुआ है।*
  नोडल अधिकारी का यह भी कहना है कि अंतिम विज्ञप्ति समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाई जाना है। जिसमें लगभग ढाई से तीन 3 लाख का खर्च आएगा। यह भी बताया कि उन्होंने सरकारी खर्च पर विज्ञप्ति प्रकाशित कराने संबंधी इंदौर कलेक्टर से अनुमति माँगी। परंतु, हर बार कलेक्टर ने सरकारी खर्च पर विज्ञप्ति निकलवाने के आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया। इतना बड़ा खर्च कॉलोनी के चंद सदस्यों द्वारा वहन किया जाना संभव नहीं है। कलेक्टर से यह भी अनुरोध किया गया है कि नोडल अधिकारी महू द्वारा थाना प्रभारी सिमरोल को लिखे गए पत्र का अवलोकन करने की कृपा करें, साथ ही उस पर उचित कार्रवाई करने की कृपा करें। 

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