डीएनयु टाईम्स (धर्मेंद्र सोंनी, इंदौर)
आगामी एक अगस्त से “आपकी सरकार, आपके द्वार” कार्यक्रम का शुभारंभ होने जा रहा है। कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव की पहल पर इंदौर जिले में इस कार्यक्रम के साथ गुड गवर्नेंस ऑडिट भी जोड़ा गया है।
कलेक्टर श्री जाटव ने बताया कि प्रगतिशील अर्थव्यवस्था समाज को भी प्रगतिशील बनाती है,जिसका सीधा प्रभाव आम नागरिकों के जीवन स्तर पर पड़ता है। जीवन स्तर में सुधार से प्रत्येक नागरिक की यह अपेक्षा होती है कि उन्हें प्रदाय की जाने वाली सेवाएं नियत समय में दी जाये एवं प्रशासनिक अमले की प्रत्येक इकाई/शासकीय सेवक का व्यवहार मर्यादित हो। इसी क्रम में मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 अनुसार भी लोक सेवकों को तय सीमा में निर्धारित सेवाएं प्रदान करने हेतु प्रतिबंध किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सेवाएं एक अधिकार के रूप में प्रदाय करना है, ताकि लालफीताशाही पर नियंत्रण किया जा सके। सुशासन (गुड गवर्नेंस) सुनिश्चित करना प्रत्येक लोक सेवक की प्रारंभिक जिम्मेदारी है।
कलेक्टर ने बताया कि सुशासन के तीन महत्वपूर्ण पहलू हैं – पारदर्शिता, जवाबदेही एवं उत्तरदायित्व अर्थात नागरिकों को बिना किसी सामाजिक-आर्थिक भेदभाव के नियत समयावधि में गुणवत्ता पूर्ण सेवाएं प्रदाय की जाये। उक्त बिन्दु प्रत्येक नागरिक की स्वभाविक अपेक्षा है एवं इसका उल्लंघन शासकीय सेवकों की कार्यप्रणाली एवं ऑफिस व्यवस्था की स्थिति को भी दर्शाता है। अत: नागरिकों को दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं शासकीय सेवकों की कार्यप्रणाली एवं व्यवहार के सत्यापन हेतु गुड गवर्नेंस ऑडिट प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमें रेंडम पद्धति के आधार पर जिले स्तर से थर्ड पार्टी/वरिष्ठ अधिकारी नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में आकस्मिक भ्रमण कर निर्धारित प्रपत्र में जानकारी एकत्रित करेंगे।
गुड गवर्नेंस ऑडिट अन्तर्गत नागरिकों द्वारा दिए गये फीडबैक के आंकलन के आधार पर संबंधित विभाग/अधिकारी/ऑफिस को संज्ञान में आयी कमियों में सुधार सुनिश्चित किये जाने हेतु 10 दिवस का अवसर दिया जायेगा। अवसर दिये जाने के उपरान्त भी यदि उक्त इकाई की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। परंतु गुड गवर्नेंस ऑडिट में यदि गंभीर लापरवाही परिलक्षित हुई तो ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध तात्कालिक प्रभाव से कार्यवाही की जायेगी।