*इंदौर:-बाबा*
प्रधानमंत्री की कैशलेस योजना को बढ़ावा देने की योजना इंदौर में कमजोर पडऩे लगी है। यहां पिछले वित्तीय वर्ष मार्च 2017-18 में अप्रैल तक केवल 76 करोड़ बार ही डेबिट कार्ड स्वाइप हो सका। जबकि, गत वर्ष 66 करोड़ बार इसका उपयोग हुआ था। जबकि, जिस तरह इस योजना का प्रमोशन किया संख्या बढ़ना थी। इस तरह शहर में डिजीटल इंडिया कैंपेन को झटका लगा है।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चला है कि आटोमैटेड टेलर मशीन (एटीएम) से कैश निकासी अप्रैल में 22 फीसदी बढक़र 2.6 लाख करोड़ रुपए पहुंच गई है। अप्रैल 2018 में देशभर में एटीएम में 75.9 करोड़ बार डेबिट कार्ड स्वाइप किए गए। इसके साथ ही पाइंट आफ सेल्स टर्मिनल्स पर डेबिट कार्ड का उपयोग हो सका। जानकारों के मुताबिक सर्कुलेशन में रहने वाली करंसी का करीब 1.6 गुना एटीएम से कैश विड्राल होता है। करंसी सर्कुलेशन का लेवल अभी करीब 19 लाख करोड़ रुपए पर है। इधर, देशभर में एटीएम में कैश की निकासी बढ़ रही है। इंदौर में अभी भी मशीनें कैश का रास्ता देख रही है। एसबीआई की मशीनों की हालत कुछ ऐसी हैं कि सात दिन में दो दिन ठीक रहती है, शेष दिनों में ग्राहक पैसों और मशीन इंजीनियर का रास्ता देखते हैं। आरएनटी मार्ग, एबी रोड सहित दर्जनभर से ज्यादा स्थानों की मशीनों की हालत खराब रहती है। ऐसे में कैशलेस इंडिया कारगर साबित नहीं हो रही।
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