*इंदौर:-बाबा*
होने वाले विधासभा चुनाव के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया हैं। इसी तारतम्य में बुधवार को कमिश्नर कार्यालय सभाकक्ष में निर्वाचन उप आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि निर्वाचन से जुड़े सभी अधिकारी अभी से चुनाव की तैयारी में लग जाएं। ये चुनाव एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं। इस काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों में सजगता और गंभीरता जरूरी हैं। जिला प्रशासन को पूरी तरह इलेक्शन मोड में कर दिया जाए।
उन्होंने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों एंव चुनाव से जुड़े अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सबसे पहले त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करें। बीएलओ कों निर्देशित करें कि वे घर-घर जाकर वर्तमान मतदाता सूची से मृत और विस्थापित व्यक्तियों के नाम हटाएं। इस अवसर पर आयुक्त इंदौर संभाग राघवेन्द्र सिंह और आयुक्त उज्जैन संभाग एमबी ओझा विशेष रूप से मौजूद थे। निर्वाचन उप आयुक्त ने कहा कि निर्वाचन से जुड़े सभी अधिकारीगण स्वीप प्लान के तहत मतदाता जागरूकता अभियान चलाएं। इस अभियान के तहत अधिकाधिक मतदान कराने के लिए नुक्कड़ नाटक, मानव श्रृंखला, वीवीपेट प्रचार रथ संचालन, स्वीप नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण और निर्वाचन साक्षरता प्रभारियों को प्रशिक्षित करें। इसी प्रकार जिले के अच्छा काम करने वाले सभी बूथलेबल ऑफिसर, आगंनवाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाइजर को सम्मानित करें।
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक रिटर्निंग ऑफिसर और तीन सहायक रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किए जा रहे हैं। आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जिला निर्वाचन अधिकारी यानी कलेक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्होने कहा कि सभी जिलों में मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी और जिला स्तरीय स्टैंडिंग कमेटी गठित करके बैठक आयेाजित की जाए। इसी प्रकार जिला स्टैंडिंग कमेटी की बैठक आयोजित करते समय बैठक की वीडियोग्राफी कराई जाये तथा एक दिन बाद पेपर कटिंग और वीडियो क्लिपिंग भारत निर्वाचन की वेबसाइट पर दर्ज की जाए। आगामी चुनावों में केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी।
इस अवसर पर बैठक को संबोधित करते हुए भारत निर्वाचन आयोग के डायरेक्टर श्री विक्रम बत्रा ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें करोड़ों रूपए खर्च होते हैं। चुनाव से जुड़े लेखा अधिकारी का दायित्व है कि वे चुनाव खर्च में पूरी तरह से पारदर्शिता बरतें तथा एक-एक पाई का हिसाब रखें। चुनाव खर्च पर नियंत्रण और निगरानी जरूरी हैं। इसी माह चुनाव से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों को सघन प्रशिक्षण दिया जाए।
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश भोपाल श्री बी.एल. कांताराव ने उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से कराना हैं। अधिकारीगण निर्वाचन आयोग द्वारा मोबाइल पर भेजे गये संदेश को प्रतिदिन पढ़े और निर्देशों को कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें और समय-समय पर पत्रकार वार्ता आयोजित कर पत्रकारों को भी चल रही चुनावी गतिविधियों की अध्ययतन जानकारी दें, जिससे जिला प्रशासन द्वारा चलाई जा रही चुनावी गतिविधियों की जानकारी जनता को मिले। चुनाव के दौरान पूरे जिले में जगह-जगह वीडियो कैमरे लगाए जाएं जिससे चुनावी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
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