*इंदौर:-बाबा यादव*
नगर निगम ने सम्पत्ति कर और जलकर की बकाया राशि नहीं चुकाने वालों की अब संपत्ति कुर्क कर उसे बेचकर टैक्स का पैसा वसूलने का फैसला किया है। इसके लिए टैंडर बुलाए गए हैं। बकायादारों को 15 अगस्त तक टैक्स जमा कराने का एक और मौका दिया गया है। पहली बार निगम ने बकायादारों की कुर्क सम्पत्ति को बेचने का फैसला किया है। ये कुर्क सम्पत्तियां मूल कीमत से 10 प्रतिशत कम में बेचे जाने का निर्णय लिया है।
निगम के राजस्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार शहर के कई बड़े बकायादारों से टैक्स लिया जाना है। इसके लिए बिल कलेक्टर व सहायक राजस्व अधिकारी घर व प्रतिष्ठानों तक पहुंचते हैं, लेकिन बकायादार उन्हें दबाव या प्रभाव डालकर राशि दिए बिना लौटा देते हैं। इसके बाद ऐसे बकायादारों की सम्पत्तियां निगम द्वारा कुर्क व जब्त कर ली जाती है। यह हिदायत भी दी जाती है कि बकाया राशि शीघ्र जमा किया जाए, वरना सम्पत्ति बाजार में बेच दी जाएगी। निगम नोटिस भी जारी करता है। राशि वसूली के लिए हर तीसरे माह में लोक अदालत भी आयोजित की जाती है, ताकि मूल राशि को एक साथ जमा कर निगम की ओर से मिलने वाली छूट का लाभ भी ले सकें। इतनी सुविधाएं देने के बावजूद बकायादारों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। वे सम्पत्ति कुर्क व जब्ती के बाद भी राशि जमा कराने में रुचि नहीं लेते।
कई सम्पत्तियां कुर्क
नगर निगम के पूर्व निगम आयुक्त मनीष सिंह के कार्यकाल में निगम ने बड़े पैमाने पर बकाया टैक्स वसूली अभियान चलाया था। 19 झोनों पर पदस्थ बिल कलेक्टर व सहायक राजस्व अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए थे कि वे रोजाना कम से कम 5 सम्पत्तियां कुर्क व जब्त करें। अधिकारियों ने उनके निर्देश का पालन भी किया। वर्तमान में निगम के पास 100 से अधिक कुर्क व जब्ती सम्पत्तियां हैं। बिल कलेक्टरों ने बकाया राशि नहीं चुकाने पर शहर के होलकर स्टेडियम पर भी कार्रवाई की थी। तालाबंदी की नौबत भी आ गई थी। जिला प्रशासन के हस्तक्षेप व खेल संगठन से जुड़े पदाधिकारियों द्वारा राशि जमा कराने के बाद स्टेडियम के ताले खोले गए थे। अब ये प्रक्रिया फिर शुरू की जा रही है।