*इंदौर:-बाबा यादव*
कुलकर्णी भट्टा पुल कई सालों से उपेक्षित है। करीब 50 साल से अधिक पुराना यह पुल धीरे-धीरे जर्जर हो चला है। अब इसकी सुरक्षा दीवार भी टूटने लगी है, जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है। निगम ने पुल के नवनिर्माण के लिए कई बार लोकार्पण कर टैंडर बुलाए गए, मगर किसी ठेकेदार ने रुचि नहीं दिखाई। यही कारण है कि यह पुल दिनोंदिन कमजोर होता जा रहा है।
इस पुल से रोजाना हजारों लोगों की आवाजाही बनी रहती है। संकरा होने से कई बार जाम की स्थिति भी निर्मित होती है। पुल की दीवारों से सटकर लोगों के मकान भी हैं। ऐसे में यदि हादसा होता है तो जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता। पुल को चौड़ा करने निगम ने गत दिनों 12 करोड़ रुपए स्वीकृत कर टैंडर बुलाए थे। टैंडर के बाद ठेकेदार आगे नहीं आए। क्षेत्र के एक जनप्रतिनिधि के दबाव-प्रभाव के चलते पुल का नवनिर्माण नहीं हो पा रहा है। हालांकि, पुल के नजदीक रहने वाले लोगों को निगम ने बेदखली के नोटिस भी जारी कर दिए हैं। भंडारी मिल ब्रिज बनने के समय से यह मांग उठ रही थी कि इसे भी चौड़ा कर दिया जाए. तभी से यह कवायद चल रही है। पुल की दीवार की शीघ्र मरम्मत नहीं की गई तो जनहानि हो सकती है।
Check Also
खबर पार्ट-2 *श्योपुर पीजी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य एसडी राठौर के खिलाफ 3 सदस्यों का जांच दल गठित पद के दुरुपयोग करने का मामला* *कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में सीएम ने कहा शासकीय योजनाओं में पैसा खाने वाले भी माफियाओं के समान*
Spread the loveखबर पार्ट-2 *श्योपुर पीजी कॉलेज के प्रभारी प्रचार्य राठौर के खिलाफ 3 सदस्यों …