*इंदौर:-बाबा यादव*
श्रमिक क्षेत्र के कुलकर्णी भट्टा पुल का काम 10 माह से कछुआ गति से चल रहा है। इस दौरान निगम ने बाधक मकान, दुकान हटाने के नोटिस भी जारी कर दिए हैं। फिर भी बाधक नहीं हटे और न नगर निगम इन्हें हटा पाने की हिम्मत कर पा रहा है! बताते हैं कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के सरंक्षण के चलते बाधक हटा पाना निगम के लिए मुसीबत का कारण बन चुका है।
पिछले साल सितम्बर माह के पहले सप्ताह में बारिश के दौरान कुलकर्णी भट्टा पुल का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया था। इसके बाद निगम ने इसके नवनिर्माण का काम शुरू किया है। वर्तमान में केवल पीलर ही तैयार हो सके हैं। कुलकर्णी भट्टा के शनि मंदिर की ओर भुजा वाला पीलर तैयार होना शेष है। यह पीलर जब तक बाधक नहीं हटेंगे तब तक तैयार होना संभव नहीं है। पुल का टैंडर निकालते ही निगम ने बाधक मकान, दुकान वालों को हटने का नोटिस थमाया था, जो अभी तक जस के तस बने हुए हैं। आश्चर्य की बात है कि आमजन के बाधक के साथ निगम की दुकानें भी नहीं हटी। निगम की पांच दुकानों पर अभी भी पूर्ववत व्यापार हो रहा है।
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