*इदौर:-बाबा*
राज्य सरकार के निर्देश पर शहर की अवैध कालोनियों को नियमितिकरण करने की प्रक्रिया चल रही है इस बीच निगम के अधिकारी भारी गड़बड़ी करने में जुटे है। जो कालोनियों को नियमितिकरण में लेना था उन्हे ना लेते हुए भू माफियाओं से सांठगांठ कर ऐसी कालोनियों को शामिल कर दिया है जो नियमों के दायरे में आती ही नहीं है।
कांग्रेस कमेटी के मीडिया एंव एडवोकेट प्रवक्ता प्रमोद द्विवेदी ने सम्भागायुक्त राघवेन्द्रसिंह को एक पत्र लिख कर बताया कि निगम के अधिकारियों ने कालोनी के नियमितिकरण में जिन्हे शामील किया है वे नियमों के दायरे में ही नही आते है। उन्होने पत्र में लिखा है कि शहर में 1000 से अधिक कालोनियां है और 300 से अधिक कालोनी ग्रीन बेल्ट या सिलिंग की जमीन पर बसाई गई है। जिन्हे वैध नही किया जा सकता हेै। जबकि जो कालोनियां ग्राम पंचायत क्षेत्र में जो वैध होने के बाद भी अवैध की श्रेणी में उन्हे लेकर निगम के अफसरों ने एक बड़ा खेल खेला है। एडवोकेट द्विवेदी ने बताया कि जिन कालोनियों को चिहिंत किया गया है वे ग्राम पंचायत छोटा बागडदा में शामिल है और यह क्षेत्र शहरी सीमा में आ चुका है। इस पंचायत की गजाधर नामक कालोनी को वैघ कालोनी की सूची में डाला है जबकि यहां पर 10 प्रतिशत निर्माण भी नहीं हुआ है। इस कालोनी के लिए निगम के अधिकारियों ने ना तो संपत्तिकर की रसीदे देखी और ना ही विमानतल पत्तन मंत्रालय से एनओसी ली है सबसे बडी बात तो यह है कि इस कालोनी का भौतिक सत्यापन भी नहीं करवाया गया है।
कांग्रेस नेता ने सूची की खामियां उजाकर करते हुए बताया है कि इसी क्षेत्र के चौरसिया नगर, बाबू मुराई कालोनी, शक्ति नगर , पटेल नगर, लक्ष्मीनगर, परमहंस नगर,छत्रपति नगर, आदि ऐसी है जहां पर शत प्रतिशत रहवासी रहते है और यहां पर बगीचे भी है जिन्हे वैध कालोनी की सूची में शामिल नहीं किया गया है। अधिकारियों ने एक बडा खेल किया है जिसमें पटेल नगर कालोनी जिसे पहले वैघ करार दिया था मगर नक्शों में गड़बडी की शिकायत पर स्थगित कर दिया उसे वैघ कालोनी की सूची में डाल दिया है। शिकायतकर्ता प्रमोद द्विवेदी ने कहा है कि यदि गड़बड़ी को सुधारा नहीं गया तो वे न्यायालय की शरण लेंगे।
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