डीएनयु टाईम्स, इंदौर
कोरोना वायरस (COVID-19) से उत्पन्न परिस्थिति से निपटने में पुलिस विभाग की अहम भूमिका रहेगी । अपने सामान्य कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान एवं खासकर प्रशासन द्वारा जारी किये गये प्रतिबंधात्मक निर्देशों की तामीली सुनिश्चित करने के दौरान पुलिस विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की अन्य विभागों की अपेक्षा कोरोना वायरस से संक्रमित होने की काफी अधिक सम्भावना है । पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के परिवार तो लॉकडाउन में हैं परन्तु जब कर्मचारी/अधिकारी ड्यूटी के पश्चात् अपने परिवार में पहुँचता है तो परिवारजनों को संक्रमित करने की प्रबल सम्भावना उत्पन्न होती है जिसके मद्देनजर पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर जोन द्वारा अपने समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को से अनुरोध किया है कि वह यथासम्भव ड्यूटी के पश्चात् घर न जाए और निर्धारित स्थानों पर ही एक दूसरे से पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए निवास करें ।
पुलिस महानिरीक्षक ने सभी अधिकारी/कर्मचारी को यह भी निर्देश दिये है कि जब दिन में ड्यूटी पूरी हो जाती है उसके पश्चात अपनी वर्दी उबलते हुए पानी में डालकर धोंए ताकि वह वायरस से मुक्त हो सके । साथ ही सरकारी थानों एवं अन्य पुलिस विभाग की बिल्डिंग एवं गाडियों का भी Fumigation कराने के भी निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों को पुलिस महानिरीक्षक द्वारा दिये गये हैं । पुलिस कर्मचारियों के परिवारजनों की समस्या के निवारण हेतु अति.पुलिस अधीक्षक-गुरूप्रसाद पाराशर के नेतृत्व में एक दल का गठन किया गया है एवं एक व्हाट्सएप नम्बर प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी को दिया गया है ताकि कोई भी समस्या इस cell तक पहुँचाई जा सके जो कि 24 घण्टें में समस्या का निराकरण करेंगे । पुलिस लाईन में दूध/फल/सब्जी एवं किराना वितरित किया जा रहा है ताकि अधिकारी/कर्मचारी अपने पारिवारिक कर्तव्यों से मुक्त होकर पूरा ध्यान ड्यूटी में लगा सके ।
जिला प्रशासन से चर्चा कर प्रत्येक थाने के लिए एक जगह चिन्हित की जा रही है जहाँ सुविधाजनक तरीके से थाने के अधिकारी/कर्मचारियों को इस आपातकालीन परिस्थिति के दौरान ठहराया जा सके । पुलिस महानिरीक्षक इसमें पहल करते हुए स्वयं अपने परिवार से पृृथक निवास करने लगे हैं और फोर्स में संदेश देने के लिए कई अधिकारी/कर्मचारियों ने इसका अनुसरण किया है । पुलिस विभाग को इस ड्यूटी के दौरान अपने अधिकारी/कर्मचारियों की रहने/खाने की सुविधा एवं उनके परिवारजनों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए काफी संसाधनों की आवश्यकता होगी जो की सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से एवं सरकारी बजट से मुहैया कराई जा रही है ।