डीएनयु टाईम्स (धर्मेंद्र सोंनी, इंदौर)
प्रदेश में दूध, दूध से बने पदार्थों तथा अन्य खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट की रोकथाम के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट एवं मुख्य सचिव श्री सुधि रंजन मोहन्ती द्वारा आज सभी संभागायुक्तों तथा जिला कलेक्टरों की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली गई।
स्वास्थ्य मंत्री सिलावट ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। यह मुद्दा सीधे आम जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा है और उनके लिये यह प्राथमिकता का विषय है। उन्होंने निर्देश दिये कि इस मुद्दे में अतिसंवेदनशीलता के साथ बिना किसी से प्रभावित हुए दोषियों को उनकी सही जगह पहुंचायें और जनता के साथ इंसाफ करे।
मुख्य सचिव श्री मोहन्ती ने निर्देशित किया कि मिलावट के इस जघन्य अपराध के खिलाफ एक गंभीर अभियान चलाया जाये, जिसे केवल एक अस्थायी कार्यक्रम न मानकर निरन्तर कार्यवाही करने वाला अभियान बनाया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि शासन के विभिन्न विभाग जैसे खाद्य एवं औषधि प्रशासन, पशुपालन, सहकारिता, नगरीय प्रशासन एवं गृह विभाग से अपेक्षा है कि जमाखोरों के खिलाफ समन्वय के साथ ऐसी कार्यवाही करें कि उनकी हिम्मत पस्त हो जाये तथा आने वाले समय में मध्यप्रदेश राज्य द्वारा की गई कार्यवाही का पूरा देश अनुशरण करे।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में विभिन्न विभागों से अपेक्षित बिन्दुओं पर भी चर्चा की गई। जिसके क्रम में पशुपालन विभाग के अन्तर्गत पशुओं के लिये उपयोग में लाये जाने वाले ऑक्सिटॉक्सिन इंजेक्शन तथा उनकी बीमारियों की रोकथाम के लिये उपयोग में लाये जाने वाले एंटीबायोटिक्स के दुरूपयोग को रोकने के निर्देश दिये। सहकारिता विभाग के अन्तर्गत दुग्ध संग्रहण हेतु समिति, चिलिंग प्लांट, सहकारी प्लांट में दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों की हर स्तर पर जाँच कर गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये कहा गया। गृह विभाग के अन्तर्गत जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग को कार्यवाही किये जाने के दौरान जाँच दल द्वारा मांग किये जाने पर पुलिस बल उपलब्ध कराने तथा गंभीर प्रकरणों में भारतीय दण्ड संहिता 1860 के तहत धारा 272 एवं 273 के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये।