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खाने को दाना नही।पीने को पानी नही गायों को मिल रही यातनाएं ।  कांजी हाउस बना मोत का घर

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*देपालपुर :-विमल फौजी, बाबा यादव*
नगर परिषद द्वारा संचालित कांजी हाउस में गायों को यातनाएं भोगने को मजबूर होना पड़ रहा है यहां  पर  गाय रखने की  व्यवस्था नहीं है वही 30 से अधिक गायों को कैद कर रोका गया है। गायों के पीने के पानी एवं बैठने की व्यवस्था तक  नहीं है ।यहां तक की इस कांजी हाउस में बारिश का पानी के साथ कीचड़ आदि जमा हो चुका है ।जिसके कारण गायों को भयंकर यातनाएं भोगने को मजबूर होना पड़ रहा है।यहा पर ना तो गाय बैठ सकती हैं ना ही ढंग से खड़े रह सकती है।
पीने के पानी के चाठीए में पानी इतनी निचे तक चला गया है कि कांजी हाउस में कैद छोटे मवेशियों का मुँह पहुंचना ही संभव नहीं है । जो पानी भरा है उसमें कीड़े बुलबला रहै है।गायों को  चारा, सुकला, बगदा  रखने के लिए ठेल
नहीं है । वाहनों के टायर में  थोड़ा-बहुत शुक्ला भूसा डाला जा रहा है  जो  कांजी हाउस में कैद गायों की संख्या  की तुलना में काफी कम है । ऐसे में भूखे मरने को मजबूर हो रही है पालतू गाये। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में जो गाय किसानों का नुकसान करती है किसान उन्हें पकड़ कर इस कांजी हाउस में गायों को  यातना भोगने के लिए छोड़ देता है । मगर क्षेत्र में लगने वाले पशु हाट में बड़ी संख्या में गाय व गायों के बछड़े भी आते हैं जो नहीं बिकने के कारण यहीं पर छोड़ दिए जाते हैं ऐसे में इन गायों का क्या दोष की उन्हें भागने को मजबूर होना पड़ रहा है। 
जाए तो जाए कहां -गोवंश की वर्तमान स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि जंगल में गोचर भूमि नहीं है खेतों की मेड़ भी खत्म हो चुकी है। सरकारी जमीन है अतिक्रमण ग्रस्त हो चुकी है और पट्टे देकर उन्हें खत्म कर दिया।गायों को चरने व घूमने फिरने की भूमि ही नहीं है जो गो पालक है गायों को लेकर काफी चिंतित है घर में गाय रखने की व्यवस्था नहीं है चरने की भूमि नहीं। बेचने के लिए जाएं तो गाय बिकती नहीं  ऐसे में पशु पालक करें तो क्या करें वही गाय भी जाए तो जाए कहां देखा जाए तो इस व्यवस्था के लिए कौन दोषी है कहना बड़ा कठिन है। गौशालाओं में गोपालक गाय देते हैं तो गौशालाओं में भी जगह खत्म हो चुकी है।  क्षेत्र में जितनी भी गौशालाएं हैं पूर्ण रुप से भर चुकी है यहां पर पहले से ही क्षमता से अधिक गाय है। ऐसे में भाजपा सरकार जो कि गाय माता का नाम का बखान करती है तो क्यो नही इन बेजुबान जानवरो के लिए भी कोई सरकारी जमीन चरनोई के लिए छोड़ दे या कोई ऐसी गो शाला बना दे कि जिसका कोई नही उसका सरकार की गो शाला है।
क्षेत्र का सबसे बड़ा पशु हाट- देपालपुर में मंगलवार को लगता है समभाग का सबसे बड़ा पशुओ का हाट बाजार।जिसमें बड़ी संख्या में पशु बिकने के लिए आते हैं मगर जर्सी किस्म के छोटे-छोटे बच्चे बिकते नहीं है उन्हें ऐसे ही खुले मैदान में छोड़ दिया जाता है यह बछड़े इधर-उधर घूमते फिरते रहते हैं कुत्तों का झुंड उन पर आक्रमण कर देता है वह उन्हें नोच देते है ।कई बार तो सड़क पर भी ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं। 
क्या कहना है इनका -नगर परिषद के मुख्य अधिकारी सी एस त्रिवेदी से जब इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि गाय कांजी हाउस में है कांजी हाउस की व्यवस्था को सुधारा जाएगा तथा जो गाय उनके मालिक लेने नहीं आ रहे हैं या जिनके मालिक है उन्हें दूर पहाड़ियों पर छोड़ा जाएगा। 

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