डीएनयु टाईम्स (ब्रम्हपुरी गोस्वामी, राजगढ़)
लिपिक मोहन सिंह परमार को निलंबित करने की बजाय बना दिया शाखा प्रबंधक
घोटाले बाज लोगो पर मेहरबान है जिम्मेदार अधिकारी
राजगढ़:- जिले के तलेन सीसीबी बैंक में पिछले महीने करोड़ो रुपए का घोटाला किया गया था जिसमें मिलीभगत के चलते हैं नाम मात्र के एक कंप्यूटर ऑपरेटर को इसका जिम्मेदार ठहरा दिया गया था, अन्य 13 लोगो की आई डी से भी राशि ट्रांसफर हुई थी
आपको बता दें कि जांच दल की टीम द्वारा जांच में किन किन कर्मचारियों अधिकारियों की आईडी से 9 करोड 64 लाख रुपये का गबन हुआ ,उस पर कितने लोगों पर कार्रवाई हुई बाकी कर्मचारियों का क्या मिली भगत कर छोड़ दिया गया था, जबकि मुख्य आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर को बनाया गया , आपको बता दें कि बैंक के नियम अनुसार कंप्यूटर ऑपरेटर बैंक का कर्मचारी नहीं था नाम मात्र के लिए दैनिक वेतन भोगी के आधार पर इस ऑपरेटर को रखा गया था , जबकि 13 कर्मचारी अधिकारियों की आईडी से इतना बड़ा घोटाला बैंक में होना और कर्मचारियों की और अधिकार की आईडी से करोड़ो रुपए निकल जाना , यह एक बड़ी मिली भगत होना ही दर्शाता है, जबकि जिन लोगों की आईडी से ये राशि आर टी जी एस की गई थी,जबकि सभी लोगो के पासवर्ड भी अपने अपने पास सुरक्षित थे, बिना पासवर्ड से कोई व्यक्ति राशि नही डाल सकता है,ये सब इन सभी लोगो की मिली भगत का खेल था, आपको बता दें कि इस शाखा में लेखापाल के पद पर कार्यरत मोहनसिंह परमार पर कार्यवाही न करते हुए,जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत से मोहन सिंह परमार को तलेन से स्थानांतरित कर बोड़ा सीसीबी शाखा प्रबंधक बना दिया गया,जो एक सोंचने वाली बात है, जबकि मोहन सिंह परमार पर सहित अन्य लोगो पर भी कार्रवाई होना था, इस पूरे घोटाले में यह दर्शाता है कि राजगढ़ सीसीबी महाप्रबंधक ए के जैन भी इस घोटाले में सम्मिलित है ,बाकी कर्मचारियों के खिलाफ अभी तक मामला दर्ज क्यों नहीं हुआ ,मिली जानकारी के अनुसार दिनांक 5 मई 2020 को इस घोटाले में शामिल सत्यनारायण खींची ,नीरज व्यास, राजेंद्र शुक्ला पर मामला दर्ज हो चुका है ,बाकी मोहन सिंह परमार सहित लोगों को अभी तक छोड़ रखा है,
क्या था पूरा मामला-
तलेन स्थित कोऑपरेटिव बैंक शाखा में तलेन क्षेत्र की आठ सहकारी शाख संस्थाओं के खातें हैं। यहां पर साख सहकारी संस्था तलेन, बावड़ीखेड़ा, पाड़ल्या आंजना, टिकोद, चौमा, सींका-तुर्कीपुरा, इकलेरा एवं नहाली शाख सहकारी संस्थाओं के खाते हैं। सूत्रों की मानें तो जो राशि बैंक से निजी खातों में ट्रांसफर की है उसमें इन आठों संस्थाओं की राशि भी शामिल है। बताया जा रहा है कि उक्त आठ संस्थाओं के उक्त बैंक शाखा में खाते हैं और उनमें खाद-बीज एवं राशन आदि की मोटी रकम का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में इन संस्थाओं के खातों में जो राशि जमा थी उसमें से भी मोटी रकम दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दी गई थीं।