*इंदौर:-DNU*
फुफेरे भाई की शादी करवाने के लिए दोस्त की पत्नी से अपने एक युवक ने ऐसा षड्यंत्र रचा, जिसने तीन परिवारों को बरबाद कर दिया। दोस्त ने अपने फुफेरे भाई के साथ मिलकर अपने दोस्त का क़त्ल कर दिया। क़त्ल करने के बाद डेढ़ महीने तक वह अपने आपको सुरक्षित समझ रहा था, लेकिन पुलिस आखिरकार हत्यारों तक पहुंच ही गई।
यह घटना 19 जून की है, जब सिमरोल थाना क्षेत्र के जंगल में पुलिस को एक लाश मिली थी। मृतक की शिनाख्त नहीं हो सकी थी, इस वजह से लाश को पुलिस ने एमवाय अस्पताल की मर्चुरी में रखवाया था। 24 जून को विजयनगर थाने में एक युवक की गुमशुदगी दर्ज हुई। पुलिस ने जब उस लाश से उसका मिलान किया तो मृतक की शिनाख्त राहुल कुमार के रूप में हुई। राहुल मूलतः इलाहबाद का रहने वाला था और नौकरी की तलाश में कुछ समय पहले ही इलाहाबाद से शादी करके इंदौर में रहने आया था। यहाँ काम की तलाश करते हुए उसकी दोस्ती पड़ोस में रहने वाले दीपक ठाकुर से हो गई। उसके पास मकान किराए के रूपये नहीं होने की वजह से दीपक ने उसे अपने दोस्त के यहाँ रहने को फ्लैट दिलवा दिया था। लेकिन, यह फ्लैट दिलवाने के पीछे उसने एक योजना बना ली थी। दरअसल, दीपक ठाकुर की बुआ के बेटे दिनेश राजपूत की उम्र 32 साल होने के बावजूद उसकी शादी नहीं हुई थी। दिनेश के लिए लड़की तलाशने के लिए उसके परिजन मेरिज ब्यूरो से सम्पर्क कर रहे थे, लेकिन हर जगह पर 80-90 हजार रुपयों की मांग की जा रही थी। दीपक अपने ही दोस्त राहुल की पत्नी किरण से दोस्ती बढ़ाकर उसके साथ अवैध संबंध बना चुका था।
सीएसपी विजयनगर जयंत सिंह राठौर ने बताया कि दीपक ने अपने भाई दिनेश को ऑफर दिया कि वह 50 हजार रुपयों में किरण से उसकी शादी करवा देगा। इसके लिए दिनेश राजी हो गया। दीपक ने अपने फुफेरे भाई दिनेश के साथ मिलकर राहुल को रास्ते से हटाने की योजना बना ली। उसने 19 जून को राहुल से कहा कि उसकी नौकरी लग गई है, इसके लिए उन्हें ओंकारेश्वर जाना है।
राहुल के साथ दीपक और दिनेश भी ओंकारेश्वर गए और वहा से लौटते समय दीपक ने योजना अनुसार सिमरोल के नजदीक बियर खरीदी और वह उसे सिमरोल के जंगल में ले गया। अधिक नशा होने के बाद दिनेश और दीपक ने मिलकर पहले उसका गला घोटा और फिर बियर की खाली बोतलों से उसका सिर फोड़कर उसकी पहचान छिपाने के लिए उसका चेहरा कुछ दिया और वहा से फरार हो गए। वापस लौटकर दीपक ने किरण को बताया कि राहुल की नौकरी लग गई है और वह कुछ दिन बाहर ही रहेगा लेकिन, राहुल से जब किरण का संपर्क नहीं हुआ तो उसने 24 जून को उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई। राहुल की शिनाख्त होने के बाद से मामले की जाँच में जुटी पुलिस ने दीपक को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने अपने फुफेरे भाई के साथ मिलकर राहुल की हत्या करना कबूल कर लिया। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। अब इस मामले में पुलिस किरण की भूमिका की भी जाँच कर रही है।
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