*इंदौर:-DNU*
आदिम जाति कल्याण विभाग व शिक्षा विभाग के निर्देशों के बाद भी स्कूल संचालक बच्चों के जाति प्रमाण पत्रों को नहीं बना रहा, जिससे पालकगण लोकसेवा केन्द्रों के चक्कर काटने पर मजबूर हैं। स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पूर्व ही जिला प्रशासन आदेश जारी कर देता है कि वह छात्रवृत्ति के पात्र बच्चों के जाति प्रमाण पत्र के आवेदन खुद संग्रहित करे और लोकसेवा केन्द्रों तक लाकर उन्हें बनवाए। इसके पीछे पालकों की लोकसेवा केन्द्रों पर बढ़ती भीड़ को कम करना था। शासकीय स्कूलों में तो बाकायदा प्रमाण पत्रों के लिए बच्चों से आवश्यक कागजात लिए जा रहे हैं, मगर निजी स्कूलों में इसका पालन नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि निजी स्कूलों में सैकड़ों पात्र बच्चे छात्रवृत्ति पाने से वंचित रह गए हैं।
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