*( जयेश जमींदार)इंदौर | इंदौर में हुए 42 करोड़ के घोटाले की वसूली जहां एक और आबकारी विभाग नहीं कर पाया है वही जिम्मेदार अधिकारी श्री संजीव दुबे को विभाग के आला अधिकारियों ने ना सिर्फ बहाल किया बल्कि पुनः इंदौर के समीप देवास में महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ भी कर दिया जिसका परिणाम यह निकला है कि वे अपने आलाधिकारियों के नाम पर खुलेआम भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं जिसकी शिकायत भी आला अधिकारियों के कानों तक पहुंच चुकी है*
गौरतलब है कि इंदौर में हुए 42 करोड़ के घोटाले के चलते विभाग को काफी बदनामी झेलनी पड़ी थी जिसकी वसूली आज दिनांक तक विभाग नहीं कर पाया है उसके उपरांत श्री संजीव दुबे को निलंबित किया गया था परंतु सांठगांठ करने में माहिर श्री दुबे एक बार फिर न सिर्फ बहाल हुए बल्कि खुद की इंदौर के समीप देवास में पदस्थापना भी करवा ली श्री दुबे के पदस्थ होते ही भ्रष्टाचार का एक बार फिर खेल प्रारंभ हो गया पहले माना जा रहा था कि घोटाले से दुबे का निकल पाना मुश्किल है परंतु जिस तरह से उनकी पदस्थापना एवं कार्यशैली देखी जा रही है उससे यह प्रतीत होता है कि आला अधिकारियों से भी उन्होंने सांठगांठ कर ली है देवास में पदस्थ होने के बाद ठेकेदारो द्वारा देशी मदिरा दुकानों पर MRP से प्रति पाव 10 रुपए की दर से वृध्दि की कर दी देवास में लगभग 68 दुकानें देसी मदिरा की मौजूद है प्रतिदिन की यदि अनुमानित विक्रय दर निकाली जाए तो वह लगभग 70 हजार होगी इस अनुमानित दर से प्रतिदिन ठेकेदार को 7 लाख का अतिरिक्त मुनाफा प्राप्त होता है जिसका आधा अलाअधिकारियों के नाम पर सीधे आबकारी विभाग पहुंच जाता है ठेकेदारों को यहां तक कहां जा चुका है कि अवर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव कलेक्टर श्रीकांत पांडे एवं राघवेंद्र उपाध्याय जैसे बड़े अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही ठेकेदारों के विरुद्ध नहीं की जाएगी हालांकि उक्त मामले की भनक आला अधिकारियों को लग चुकी है जिसके चलते भोपाल से राज्य स्तरीय उड़नदस्ता आबकारी का जांच दल जिस में श्री नरेश चौबे मौजूद थे हाल ही में जांच के लिए देवास आया था उक्त दल को तीन भागों में अलग-अलग जगह जांच के लिए भेजा भी गया था परंतु पहले से ही सूचना होने की वजह से ठेकेदार सतर्क हो गए और जांच दल को खाली हाथ लौटना पड़ा हालांकि सूत्रों की माने तो जल्दी एक बड़ी कार्रवाई देवास में होने की संभावना है
*ढाबे बंद पर बंद अहते खुले*
देवास में श्री संजीव दुबे की पदस्थापना के बाद से अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं ढाबा एवं होटलों पर जमकर कार्रवाई हुई जो की प्रशंसा योग्य है परंतु वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश शासन एवं आबकारी की नई नीति के अनुसार मध्यप्रदेश में स्थित देशी विदेशी मदिरा एकल समूह के जिन आहतों को बंद कराने की दिशा निर्देश जारी हुए थे वह देवास में खुलेआम संचालित किए जा रहे हैं उसके बदले एक मोटी रकम भी आबकारी विभाग वसूल रहा है हालांकि यह रकम एक ही भ्रष्ट अधिकारी के पास जा रही है परंतु बदनाम पूरा विभाग हो रहा है।
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