डीएनयु टाईम्स (ब्यूरो रिपोर्ट)
इंदौर 20, मार्च, 2020
मध्यप्रदेश के दिव्यांग पैरा तैराक श्री सत्येंद्र सिंह लोहिया ने शारीरिक चुनौतियों का न केवल साहस के साथ सामना किया, बल्कि उन्हें जीता भी। सात नेशनल एवं तीन इंटरनेशनल पैरा तैराक प्रतिस्पर्धाओं में भाग ले चुके श्री सत्येंद्र के नाम कई रिकार्ड दर्ज हैं। वे मूलत: भिंड जिले के निवासी हैं एवं पिछले कई वर्षों से इंदौर में रह रहे हैं। वर्तमान में वे कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं एवं एमओजी लाइन, महू नाका में निवासरत हैं। वे महू नाका स्थित तरुण पुष्कर स्विमिंग पूल में अभ्यास करते हैं एवं यहीं अन्य पैरा तैराक साथियों को मार्गदर्शन भी देते हैं। इनसे 88392-17204 मोबाइल नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।
23 जून, 2018 को इन्होंने 12 घण्टे 24 मिनिट में इंग्लिश चैनल पार किया, जो कि एक रिले इवेंट था। इस इवेंट के लिये उनका नाम एशियाई लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। इसके बाद 18 अगस्त, 2019 को इन्होंने 11 घण्टे 34 मिनिट में कैटलीना चैनल पार किया। जिसके साथ ही वे टीम इवेंट में इस चैनल को पार करने वाले पहले एशियाई दिव्यांग तैराक भी बन गए।
श्री सत्येंद्र सिंह ने सात नेशनल पैरा तैराकी चैंपियनशिप में भाग लेकर प्रदेश के लिये 24 पदक हासिल किए हैं। इसके अतिरिक्त तीन अंतरराष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप में देश के लिए एक गोल्ड मेडल के साथ कुल 4 पदक हासिल किये हैं।
42 किमी लंबी कैटलीना चैनल को पार कर इन्होंने एशियाई रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया। उनकी सफलता से वे अपने जैसे तैराकों के लिये मार्गदर्शक बने। उन्होंने बताया कि 18 अगस्त, 2019 को रात 10:57 बजे कैटलीना आईलैंड से उन्होंने तैरना शुरू किया और 19 अगस्त को सुबह 10:30 बजे वे कैलिफोर्निया मेनलेंड पहुंचे।
उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुये जानकारी दी कि कैटलीना चैनल पार करना बेहद मुश्किल है। दिन में चलने वाली तेज हवाओं से बचने के लिये रात में तैराकी करनी पड़ती है। इसमें हमें गहराई का अंदाजा नहीं होता और न ही सफर के दौरान मिलने वाली चुनौतियों के बारे में पता होता है। पानी के अंदर शार्क, व्हेल, डालफिन, जैलीफिश आदि सभी मिलते हैं। इस कारण यह सफर और भी ज्यादा चुनौती पूर्ण रहा। उन्होंने बताया कि उनकी टीम एक विशेष प्रकार की क्रीम लगाकर तैरते थे, जिससे जीव-जंतु उनके पास नहीं आते थे। उल्लेखनीय है कि सत्येंद्र लोहिया इंग्लिश एवं कैटलीना चैनल पार करने वाले दिव्यांग केटेगिरी में पहले एशियाई तैराक हैं।
उन्हें 2014 में मध्यप्रदेश शासन के सर्वोच्च खेल सम्मान विक्रम अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त उन्हें 03 दिसम्बर, 2019 को महामहिम उपराष्ट्रपति महोदय द्वारा सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी का राष्ट्रीय अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। हाल ही में 13 मार्च, 2020 को वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भी सम्मानित किये गये। 70 प्रतिशत दिव्यांग केटेगरी में आने वाले दोनों पैरों से दिव्यांग सत्येंद्र ने अपनी कमजोरी को ही हुनर बना लिया। आगामी जुलाई, 2020 में उनका लक्ष्य आयरलैंड के नॉर्थ चैनल को पार करना है। अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़संकल्पित सत्येंद्र अपने दिव्यांग साथियों के लिये मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं।