*इंदौर:-बाबा यादव*
केन्द्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान के तहत पहले देश के शहरों को स्वच्छता का पाठ पढाया गया अब ग्रामीण क्षेत्रों को सफाई में अव्वल करने के लिए ताकीत की जा रही है। अगस्त माह से शुरू होने वाले सर्वेक्षण अभियान के पहले सभी पंचायतों के अधिकारियों को मैदानी कार्रवाई के लिए सतर्क कर दिया गया है।
शहरी क्षेत्र को स्वच्छता में नगर निगम ने दो बार नम्बर वन का ताज हासिल कर लिया है। इधर ग्रामीण क्षेत्रों को भी सर्वेक्षण के पहले स्वच्छता का पाठ पढाया जा रहा है। गावों को कैसे नम्बर वन सफाई के कार्यो में लाया जाए उसके मापदण्ड निर्धारित किए जा रहे है। सफाई का जिम्मा जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपर कलेक्टर नेहा मीणा को दिया गया है। इसके बाद जिला प्रशासन ने ग्रामीण विकास विभाग के मैदानी अमले को स्वच्छ ग्रामीण सर्वे के मापदंडों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
*स्वच्छता सर्वेक्षण के पहले क्या क्या करना है*
प्रशासन के अनुसार स्वच्छता सर्वेक्षण के पहले पंचायत के अधिकारियों ओर कर्मचारियों को सभी स्तरों के प्रशिक्षण के बाद चिन्हित सार्वजनिक स्थलों की सफाई, जल भराव की निकासी, व्यवस्था सुनिश्चित करना। शाला और आंगनवाड़ी शौचालयों की सफाई , हाट बाजार जिनमे गांव के स्थानीय बाजार भी सम्मिलित होंगे । सफाई अभियान के लिए तैयार योजना के तहत बीआरसी से शाला शौचालयों तथा महिला बाल विकास के खंड अधिकारियों से आंगनवाड़ी शौचालयों की रिपोर्ट प्राप्त करना शामिल रहेगा। *नेहा मीणा , सीईओ, जिला पंचायत*
Home / मध्य प्रदेश / इंदौर / निगम ने शहर तो प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्र को चुना अगस्त माह में होना है सर्वेक्षण, पंचायत अधिकारियो को किया सतर्क
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