- निगम ने हाईकोर्ट में कहा अब नहीं बिकेगा खुले में मांसाहार
डीएनयु टाइम्स (इंदौर)
इंदौर मांस विक्रय को लेकर केंद्र सरकार के विजन डॉक्यूमेंट और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की एडवायजरी का इंदौर शहर में खुला उल्लंघन किये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर निगम ने शपथ पत्र पर जवाब पेश कर अदालत को आस्वस्त करते हुये कहा कि अब इंदौर शहर में खुले में मांस का विक्रय नही होने देंगे।
समाजसेवी जितेंद्र सिंह यादव और पशु प्रेमी प्रियांशु जैन की और से दायर याचिका की इससे पहले सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इंदौर नगर निगम आयुक्त सहित अन्य जिम्मेदार पक्षो को शोकाज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। जिस पर निगम द्वारा पेश जवाब की प्रति आज याची के अधिवक्ता कृष्ण कुमार कुन्हारे और काशू महंत को निगम द्वारा सौंपी गयी हैं।
याचिका में प्रदेश के मुख्य एवं प्रमुख सचिव, डी.जी.पी, कलेक्टर, डी.आई.जी. सहित नगर निगम आयुक्त को भी पक्षकार बनाया गया हैं।
याची के अधिवक्ता कुन्हारे ने बताया कि निगम ने अपने प्रस्तुत जवाब में कोर्ट को ये तो बताया हैं कि वे निगम सीमा में खुले में मांस का विक्रय नही होने देंगे। किंतु आम आदमी की सेहत से खिलवाड़ करते खुले में मांस का विक्रय कर रहे शॉपिंग मॉल्स, रिटेलर और हाट मैदान के दुकानदारों पर निगम कब तक अंकुश लगायेगा। उन्होंने कहा कि निगम के जवाब देने में ही एक वर्ष लग गया। जबकि इस एक वर्ष में भी निगम ने याचिका में उठाये गये विभिन्न मुद्दे पर क्या काम किया हैं, इस बात का भी स्पष्ट उल्लेख नही हैं। अधिवक्ता कुन्हारे ने बताया आगे वे निगम के जवाब का विस्तृत अध्यन करके अपना काउंटर जवाब कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
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याचिका में उठाये गये प्रश्न ?
भारत के राजपत्र एवं एफएसएसएआई के नियमों की अनदेखी कर मांसाहार के लिए वध किये जाने वाले पशु,पक्षी,मुर्गा-मुर्गी,बकरा-बकरी आदि के वध के पूर्व एवं पश्चात में चिकित्सीय परीक्षण नही किया जा रहा हैं। गुणवत्ताहीन दूषित मांसाहार विक्रय कर इंदौर शहर के लगभग 18 लाख मांसाहारी लोगों का स्वास्थ्य पर खतरा बना हुआ है। खुले में मासांहार विक्रय कर खुले स्थानों पर, नालों में ही मांस के शेष अपशिष्ट फेंकने से जानवरों द्वारा अपशिष्ट का भक्षण कर उग्र होकर लोगों को काटने के कई मामले सामने आ चुके हैं जैसे कई बिंदु उठाये गये हैं।
धर्मेंद्र सोनी
राष्ट्रीय ब्यूरो