Breaking News
Home / Breaking News / निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर लगेगी लगाम, ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर तय होंगे नियम

निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर लगेगी लगाम, ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर तय होंगे नियम

Spread the love

डीएनयु टाईम्स (अशोक शर्मा, इंदौर)

निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर लगेगी लगाम, ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर तय होंगे नियम
जागो पालक जागो संगठन से जुड़े पालकों से मुलाकात के बाद सांसद लालवानी ने दिया आश्वासन

इंदौर. शहर के निजी स्कूूलों के बंद रहने की अवधि में ट्यूशन फीस वसूली के खिलाफ शनिवार को जागो पालक जागो संगठन की अगुवाई में पालकों का बड़ा समूह सांसद शंकर लालवानी से मिला। शनिवार शाम रेसीडेंसी कोठी में हुई इस मुलाकात के दौरान पालकों ने सांसद लालवानी को ज्ञापन सौंपकर ऑनलाइन पढ़ाई बंद करवाने की मांग की। इस दौरान सांसद ने पालकों को आश्वासन दिया कि जल्द ही इस संबंध में स्कूल प्रबंधन, शासन और पालकों की एक कमेटी बनाकर निर्णय लिया जाएगा। इस पर पालकों ने स्कूल प्रबंधनों द्वारा की जा रही फीस वसूली को तत्काल प्रभाव से रोकने की मांग की है।
वर्तमान समय में कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा स्कूल और कोचिंग संस्थानों में शिक्षण कार्य को आगामी आदेश तक बंद रखने के निर्देश दिए हुए हैं। सोशल मीडिया पर चल रहे इस अभियान के एड्वोकेट चंचल गुप्ता ने बताया कि सांसद महोदय द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद अब बैठक का इंतजार है। इस बीच हमारा अभियान सोशल मीडिया पर जारी रहेगा। यदि कोई ठोस हल नहीं निकलता है तो हम इस मामले में न्यायालय की शरण भी लेंगे। पालकों ने सांसद के समक्ष यह रखी मांगें.


कोरोना महामारी के कारण 3 महीने से स्कूल बंद हैं। ऑनलाइन शिक्षण का कार्य करने के लिए शासन द्वारा कोई स्पष्ट गाइडलाइन निर्धारित नहीं है लेकिन शासन ने निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस वसूलने की छूट दे दी है। कुल फीस में 80 से 90 हिस्सा ट्यूशन फीस का होता है। इस फ़ैसले से पालकों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है।
– कुछ चुनिंदा निजी विद्यालय केवल फीस वसूली के लिए मनमाने और असुरक्षित तरीके से ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं। यह उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। साथ ही बड़े बच्चे भी साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं। 3 से 4 घंटे तक ऑनलाइन शिक्षण उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
– कई अभिभावकों के पास इंटरनेट और स्मार्ट फोन की सुविधा नहीं है या सीमित है। ऐसे में शिक्षा का अधिकार समान रूप से सभी विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। इंटरनेट पर कई तरह के अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट रहते हैं, जिससे अभिभावक इंटरनेट देने में असुरक्षा भी महसूस कर रहे हैं।
– साइबर हेल्थ सेफ्टी नार्मस के तहत 10 साल तक के बच्चों को मोबाईल से दूर रखना चाहिए। इसका उनके मस्तिष्क विकास प्रभावित होता है। कम उम्र के बच्चों के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल का विरोध डब्ल्यूएचओ और यूनेस्को द्वारा भी समय समय पर किया गया है।
– यदि शासन को लगता है कि ऑनलाइन पढ़ाई करवाया जाना अत्यंत आवश्यक है और इसका कोई विकल्प नहीं है तो विशेषज्ञों की सलाह लेकर सभी स्कूलों के लिए एक सामान नीति बनाई जाना चाहिए। जिनके पास आवश्यक संसाधन नहीं हैं उन्हें उपलब्ध करवाए जाएं।

चंचल गुप्ता
जागो पालक जागो संगठन
9302100010

About DNU TIMES

Check Also

खबर पार्ट-2 *श्योपुर पीजी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य एसडी राठौर के खिलाफ 3 सदस्यों का जांच दल गठित पद के दुरुपयोग करने का मामला* *कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में सीएम ने कहा शासकीय योजनाओं में पैसा खाने वाले भी माफियाओं के समान*

Spread the loveखबर पार्ट-2 *श्योपुर पीजी कॉलेज के प्रभारी प्रचार्य राठौर के खिलाफ 3 सदस्यों …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *