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परिवहन नियम के उल्लंघन पर निलंबित होगी संस्थाओं की मान्यता शासन ने जारी किए 8 से अधिक नियमों का पालन करने का परमान

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*इंदौर:-बाबा यादव*
शासन ने शैक्षणिक संस्थाओं में संचालित होने वाले वाहनों के खस्ताहाल तथा नियमों का पालन नहीं करने पर सख्त रूख अपनाया है। सरकार ने कहा कि बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वाली जो बसे या अन्य वाहन जिस भी स्कूल के मिलेंगे उनकी मान्यता रदद करने की कार्रवाई की जाएंगी। डीपीएस हादसे के बाद से शासन लगातार सख्त होता दिख रहा है मगर आरटीओ इस मामले को गम्भीरता से नहीं ले रहा है।
शैक्षणिक संस्थाओं में संचालित होने वाली बसों को लेकर शासन स्तर पर समय समय दिशा निर्देश दिए जा रहे है मगर स्थानीय स्तर पर आरटीओ की नरमी के कारण जहां 15 साल से पुराने वाहन नौनिहालों को लाने ले जाने का कार्य कर रहे है वही अधिकांश स्कूलों की बसें खस्ताहाल हो चुकी है फिर वे परिवहन में लगी है। ऐसे में लोक शिक्षण विभाग ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि स्कूल बा संचालकों ने मायन्ता नियम 2017 की कंडिका20(6) का पालन नहीं किया तो स्कूल की मान्यता निरस्त कर दी जाएगी। शासन ने इस दिशा में कडे कदम उठाते हुए सीबीएसई,एमपी बोर्ड, आईसीएसई के सभी स्कूलों को शामिल किया है। इसके लिए पूरे प्रदेश भर में चेंकिग अभियान चलाने का आदेश दिया है।
*इन नियमों का करना होगा पालन*
# स्कूल बस पीले रंग की होना चाहिए, बस के चारो ओर150 मिलीमीटर की चौड़ाई में बडे अक्षरों में स्कूल बस का नाम टेलीफोन नंबर लिखा होना चाहिए। यदि वह बस किराए की हो तो आॅन स्कूल ड़्यूटी लिखा होना चाहिए।
# स्कूल बस में प्रत्येक बच्चों की सीट पर बेल्ट होना चाहिए।
#बस में आईएसआई मार्क वाले दो अग्निशमन यंत्र 5 किलो क्षमता वाले हो, जिसमें से एक यंत्र बस चालक के पास , दूसरा आपातकालीन निकास के पास लगा होना होना चाहिए।
#बसों के परिचालन के लिए एक ट्रांसपोर्ट मैनेजर नियुक्त किया जाए,जो बच्चों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हो सके। यही नहीं बस में ट्रांसपोर्ट मैनेजर का नाम पता और मोबाइल नंबर भी अंकित होना चाहिए।
#बस की खिड़किया होरिजोन्टल ग्रिल और मेस वायर के साथ फिट होना चाहिए।
#बस में स्कूल बस चालक का नाम,पता, लाईसेंस,बैंच, मोबाइल नंबर अकिंत हो और पूरी जानकारी स्कूल संचालक के पास होना चाहिए। साथ ही आरटीओ का हेल्पलाइन नंबर भी दर्ज होना चाहिए।
# बस में स्पीड गर्वनर हो जिसकी रफ्तार 40 किलोमीटर से अधिक ना हो, प्रत्येक बस में सीसीटीवी कैमरे  और जीपीएस सिस्टम चालू हालात में लगे होना चाहिए।
#जिस भी बस का परमिट ना हो उसे रोड़ पर ना लाया जाए, बस में बैठे सभी बच्चों और अन्य सदस्यों का बीमा होना जरूरी है। इसके अलावा दरवाजे पर लॉक करने की सुविधा होना चाहिए।

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