*पीएससी चयनित सहायक प्राध्यापकों ने नाट्य मंचन एवं लोक गीत के माध्यम से सरकार से की नियुक्ति की मांग*
*नीलम पार्क में धरने पर बेटे सहायक प्राध्यापक कलसरकार के खिलाफ अपनी डिग्री,नेट का सर्टिफिकेट, और जाति प्रमाणपत्र की कॉपी जलाने का कार्यक्रम करेंगे*
*भोपाल:-बाबा यादव-9926010420*
*भोपाल:-* पीएससी चयनित सहायक प्राध्यापक संघ मप्र के तत्वाधान में चलने वाला “संविधान रक्षा आंदोलन” राष्ट्रगान एवं झंडा वंदन के साथ प्रारंभ हुआ संगठन के उपाध्यक्ष श्री हरिशंकर कंसाना जी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी के द्वारा कल शाम किए गए ट्वीट का हम स्वागत करते हैं लेकिन उस ट्वीट में यह स्पष्ट नहीं है कि सभी 2700 चयनितों को नियुक्ति कब मिलेगी जैसा कि पूर्ववर्ती आदेशों में केवल 124 लोगों को नियुक्ति देने के लिए सूचित किया गया था लेकिन आज दिनांक तक शासन ने मात्र 33 लोगों की ही नियुक्ति पत्र जारी किए हैं उन्होंने शासन से कहा कि समस्त अभ्यर्थियों के जब तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं हो जाते हैं तब तक वह अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे क्योंकि लगातार 15 माह हमें केवल आश्वासन ही प्राप्त हो रहे हैं और आश्वासन कार्य रूप में परिणीत नहीं हो रहे हैं । मात्र 124 लोगों को नियुक्ति देना और बांकी लगभग 2500 लोगों को कोर्ट का बहाना बनाकर नियुक्ति में टालमटोल करना हमारे नैसर्गिक अधिकार का उल्लंघन है क्योंकि न्यायालय ने केवल 91 महिलाओं को रोका है और बाकी सभी अभ्यर्थियों की नियुक्ति देने के लिए शासन को स्वतंत्रता दी हुई है। तो फिर क्यों शासन बाकी सभी लोगों को नियुक्ति नहीं दे रहा है। जिस दिन वेबसाइट पर 2700 चयनितों के नियुक्ति पत्र अपलोड हो जाएंगे हम अपना आंदोलन समाप्त कर माननीय मुख्यमंत्री जी और उच्च शिक्षा मंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अपने-अपने कॉलेज ज्वाइन करने के लिए चले जाएंगे । आज 41 लोग भूख हड़ताल में बैठे थे । लगभग दो हजार की संख्या में चयनित अभ्यर्थी नीलम पार्क में एकत्रित है महिलाएं अपने बच्चों के साथ कई दिव्यांग साथी खुले आसमान के नीचे रात गुजारने के लिए मजबूर है लेकिन शासन मात्र 124 लोगों की नियुक्ति का लॉलीपॉप पकड़ा रहा है जो कि संगठन को कतई बर्दाश्त नहीं है। प्रतिदिन सामाजिक संगठनों के द्वारा दिए गए धन से सभी चयनित केवल एक बार भोजन कर रहे हैं ।आज सुबह अजाक्स के महासचिव और अहिरवार समाज के अध्यक्ष श्री जगदीश सूर्यवंशी जी और सचिव श्री हनुमंत बौद्ध धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने धरने का समर्थन करते हुए कहा कि आज अगर लोक सेवा आयोग से चयन के पश्चात् भी इतने उच्च शिक्षित युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है तो शासन को पीएससी जैसी संस्थाओं को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने आशंका जताई कि इस परीक्षा में लगभग 1900 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, इसलिए शासन नियुक्ति को टाल रहा है । उन्होंने चयनितों से अपील की जब तक आप को ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता है तब तक आप जिले -जिले ,गांव- गांव में अपने आंदोलन को पहुंचाइये क्योंकि अपने अधिकारों के लिए लोकतंत्र में स्वयं ही लड़ना पड़ता है । तत्पश्चात चयनितों ने संविधान पाठ के माध्यम से स्वयं के संवैधानिक अधिकार (नियुक्ति) की मांग की। महिलाओं ने व्यंगात्मक लोकगीत गाकर शासन की सुस्त कार्यशैली पर कटाक्ष किया। शाम को डा राधा वल्लभ शर्मा ( रिटायर अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग), डा. यूसी जैन , डा. वी के शर्मा , डा चिंतामनी शुक्ला धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने नियुक्ति की मांग को जायज ठहराते हुए शासन से शीघ्र नियुक्ति देने की अपील की। शाम ढलते ही चयनितों ने व्यंग नाटिका के माध्यम से शासन की कार्यशैली पर प्रश्न उठाते हुए उनकी नियुक्तियों में की गई देरी के लिये शासन पर कटाक्ष करते हुए प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से स्वयं की पीड़ा को व्यक्त किया एवं शासन की निर्ममता , निष्ठुरता असंवेदनशीलता को भी दर्शाया । ये सभी आज भी नीलम पार्क में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर है न तो कोई शासन का प्रतिनिधि ,न ही कोई मंत्री , न ही कोई प्रशासक इनसे आकर मिला है।