डीएनयु टाईम्स (धर्मेंद्र सोनी , बेटमा)
इंदौर 12 मार्च. केंद्र और राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
द्वारा चलाये जा रहे पोषण पखवाड़ा के तहत गर्भवती, धात्री और शिशुओं के
पोषाहार के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. इसी क्रम
में आज बेटमा की एक आंगनवाड़ी केंद्र में अन्न प्रासन कार्यक्रम के तहत 6
माह की आयु के बच्चों का सम्मान कर खीर खिलाकर ठोस भोजन की शुरूआत की गई.
कार्यक्रम में शिशुओं की दादियों का भी सम्मान किया गया. सूचना और
प्रसारण मंत्रालय के इंदौर स्थित क्षेत्रीय लोक सम्पर्क ब्यूरो और
आंगनवाड़ी केंद्र के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में अनेक महिलाओं ने
हिस्सा लिया.
इस अवसर पर ब्यूरो के सहायक निदेशक मधुकर पवार ने कहा कि पोषाहार
स्वास्थ्य का आधार होता है. संतुलित भोजन के साथ व्यायाम, योग, ध्यान से
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं. उन्होने कहा कि गर्भवती
महिलाओं की खून की जांच, टीकाकरण और पोषाहार से मातृ और शिशु मृत्युदर को
कम किया जा सकता है. इससे कम वजन के बच्चे और कुपोषण जैसी समस्या से भी
निजात मिल सकती है. पवार ने कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव की भी जानकारी
दी. पर्यवेक्षक श्रीमती सुनीता गोखले ने महिलाओं से आग्रह किया कि वे 6
माह की आयु के बच्चों को आज से ठोस आहार के साथ दो साल तक स्तनपान जरूर
करायें. श्रीमती तबस्सुम ने कहा कि मां का दूध सम्पूर्ण आहार होता है और
इसमें वे सभी तत्व मौजूद होते हैं जो बच्चे के विकास के लिये आवश्यक हैं.