Breaking News
Home / मध्य प्रदेश / इंदौर / पौधारोपण अभियान में महाघोटाला, आंकडों और दावों में अंतर सरकारी गणना में पूरे जिले में एक लाख ही पौधे निकले

पौधारोपण अभियान में महाघोटाला, आंकडों और दावों में अंतर सरकारी गणना में पूरे जिले में एक लाख ही पौधे निकले

Spread the love

*इंदौर:-बाबा यादव*
प्रदेश में हरियाली के लिए हर साल बडे स्तर पर पौधारोपण का अभियान चलाया जाता है और इस बात की घोषणा होती है कि जिले में 10 से 15 लाख पौधे रोपे गए है मगर हकीकत कुछ और है। एनजीटी के आदेश पर गठित गणना कमेटी ने जब जिले में पौधे क ो की गणना की तो मात्र एक लाख ही पेड पाए । गणना और घोषणा के बीच जो आंकडे सामने आ रहे है उससे लग रहा है कि पौधारोपण के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा है।
वर्षाकाल में हर साल बडे स्तर पर पौधा रोपण का अभियान चलाया जाता है जिसमें वन विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा जो आकडे पौधारोपण के पेश किए जाते है उसके अनुसार हर साल करीब 10 लाख पौधे ही मान ले तो पिछले 5 सालों में जिले के विभिन्न हिस्सों में 50 लाख पौधे रोपे जा चुके है। इधर सरकारी रिकार्ड के अनुसार इंदौर जिले में कोई जगह खाली ही नहीं है तो पौधे कहा रोपे जा रहे है। पौधा रोपण के नाम पर लाखों रूपए हर साल खर्च हो रहे है और रख रखाव के नाम पर भी सरकारी पैसों का भारी दुरूपयोग हो रहा है।
एनजीटी के 1 अक्टॅूबर 2013 के आदेश पर जिले में वृक्षों के की संख्या और घनत्व को बढाने  तथा रोपे गए या पूर्व के पेडों के रख रखाव क लिए पूर्व जिला कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने एक समिति का गठन किया था और समिति को जिले की सडकों के चौडीकरण एव अन्य किसी प्रोजेक्ट के तहत पेडों की कटाई या स्थानानतरण करने हेतु अध्ययन कर अभिमत देने को कहा था। कलेक्टर ने समिति को गठित कर दी मगर आज तक समिति के औचित्य को कोई नहीं मान रहा है। इधर पेडों की धडल्ले से कटाई हो रही है। दूसरी ओर पौधारोपण का हो हल्ला मचाया जा रहा है।
हरियाली को बरकरार रखने के लिए एनजीटी के निर्देश पर गठित समिति  के निर्णय बगैेर वृक्ष कटाई, वृक्षारोपण  कार्य नही किए जा सकते है । ज्ञात  हो कि इंदौर शहर देश का पहला शहर है,जहां पर वृक्ष गणना हुई थी। पेडों की गणना के बाद इस बात पर जो दिया था कि वार्षिक लगाई – कटाई में आडिट व्यवस्था का पालन किया जाएं,परन्तु ऐसा नहीं हो रहा है।
प्रक्रिया का पालन नहीं किया हो रहा है
प्रशासन द्वारा गठित में वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज वाधवानी और किशोर कोडवानी को शामिल किया गया था। समिति के सदस्य किशोर कोडवानी ने आरोप लगाया है कि जिस प्रक्रिया के अनुसार 13 से 17 जुलाई के मध्य प्रतिवर्ष 15 लाख लगाने की बात कहीं जाती है वह पूरी तरह से बकवास है। सरकारी आकडों के अनुसार यदि पौधारोपण होना मान लिया जाए तो अब  शहरमें पौधा रोपण के लिए जगह नहीं बची है। सरकारी विभागों द्वारा जिले में पौधों की की गई गणना के अनुसार शासन के राजस्व रिकॉर्ड मै बमुश्किल एक लाख वृक्ष है । जो पौधारोपण के नाम पर होने वाले घोटाले को उजागर करता है।

About DNU TIMES

Check Also

खबर पार्ट-2 *श्योपुर पीजी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य एसडी राठौर के खिलाफ 3 सदस्यों का जांच दल गठित पद के दुरुपयोग करने का मामला* *कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में सीएम ने कहा शासकीय योजनाओं में पैसा खाने वाले भी माफियाओं के समान*

Spread the loveखबर पार्ट-2 *श्योपुर पीजी कॉलेज के प्रभारी प्रचार्य राठौर के खिलाफ 3 सदस्यों …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *