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बस आॅपरेटरों पर केन्द्र ने कसा शिंकजा, नहीं कर सकेंगे मनमानी नियम तोडने पर आरटीओं पर भी होगी कार्रवाई

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*इंदौर:-बाबा यादव*
आरटीओं अधिकारियों से मिलीभगत करके बस बॉडी बनाने वाले नियमों की जहां धज्जियां उडाते थे वहीं बस आॅपरेटर वाहनों का मनमाने तरीके से निर्माण करवा लेते थे। बसों में सवारियों की संख्या में भी जोड घटाव कर सीटें बढवा ली जाती थी। नियमों के विपरित बनने वाले वाहनों के कारण दुर्घटनाएं भी बढ रही है। जिसे देखते हुए सरकार ने नया नियम जारी कर दिया हो जो सभी के लिए परेशानी का सबब बनेगा।
इंदौर सहित प्रदेश भर में दौड रही बसों का निर्माण करते हुए निर्धारित मापदण्डों का ख्याल नही रखा गया है। अक्सर हादसे होने के बाद पता चलता है कि बसों में जो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत नियमों का पालन करना चाहिए वह नहीं किया गया था। यहीं नहीं नियमों के विरूध तैयार बसों को अधिकारी अवैध वसूली के चक्कर में फिटनेस जारी कर देते है। सभी जिला मुख्यालयों बैठे आरटीओं भी अपने अधिनस्थ अधिकारियों की करतूतों को इसलिए छिपाते है कि उन्हे वसूली की राशि का कुछ हिस्सा मिलता है। अधिकारियों की इस मिलीभगत के कारण बस आॅपरेटर बसों का निर्माण करने वाले बिल्डरों को अपने साथ मिला लेते है और शुरू हो जाता है नियम विरूध कार्य करने का सिलसिला।
देश के लगभग सभी राज्यों में बसों के निर्माण नियमों का पालन नही होने पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बस निर्माण और बस बॉडी के संबंध में अपने कड़े नियम जारी किए हैं, जिसके अनुसार उन्हीं बसों का आरटीओ द्वारा पंजीयन किया जाएगा, जिन एजेंसी या बॉडी बिल्डर ने भारत सरकार से अधिमान्यता प्राप्त डीलरशिप ली होगी। केन्द्र ने एक और निर्देश जारी किया है कि केन्द्रीय एजेंसी से लायसेंस लेकर स्थानीय स्तर पर  बॉडी बिल्डर को संबंधित परिवहन कार्यालय से व्यापार का प्रमाण पत्र हासिल करना होगा। इसके बाद ही एजेंसी द्वारा बनी बसों का ही पंजीयन किया जाएगा।
बस आॅपरेटर ये करते थे गड़बड़ी
केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बताया गया है कि नए नियमों के तहत अब कोई भी बस आॅपरेटर अपनी इच्छानुसार बसों के निर्माण के दौरान 28 सीट के की जगह 30 या अधिक सीटें लगवा लेते थे जो बसों में ओवर लोड की श्रेणी में आता था। इससे यात्रियों की बैठक व्यवस्था असुविधाजनक हो जाती थी। अब केन्द्र सरकार के नए नियमों के तहत  बस आॅपरेटर भारत सरकार द्वारा निर्धारित बस निर्माता एजेंसी से मान्यता प्राप्त होगी । नियमों में साफ है कि बस आॅपरेटर यदि इसके बाद भी गड़बडी करते है और आरटीओ उन्हे फिटनेस जारी करते हुए परमिट देता है तो आरटीओ पर कार्रवाई की जाएगी।

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